विराट ने छोड़ा पेप्सी का साथ, अब नहीं करेंगे विज्ञापन

सामाजिक रूप से जिम्मेदार युवा आइकन के रूप में देखे जाने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने सॉफ्ट ड्रिंक निर्माता पेप्सी और फेयरनेस उत्पादों को एंडोर्स करना बंद कर दिया है। विराट अब इन ब्रांड्स का विज्ञापन नहीं करेंगे। इसके पीछे का कारण इन उत्पादों का जंक फूड और नस्लवाद के साथ संबंध माना जा रहा हैं।

विज्ञापन के लिए चार्ज की जाने वाली फीस के नजरिए से देखा जाए तो विराट सबसे महंगे खिलाड़ियों में एक हैं लेकिन अब कोहली ने फैसला किया है कि वह केवल उन ब्रांड्स का प्रमोशन करेंगे जिन्हें वो ख़ुद इस्तेमाल करते हैं या जिनपर विश्वास करते हैं। यह जानकारी विराट के एंडोर्समेंट डील्स से जुड़े लोगों ने दी।

विराट के इस फैसले से सबसे पहले हताहत होने वाला ब्रांड पेप्सी है। बता दें कि कोहली इस कंपनी को साल 2011 से एंडोर्स कर रहे हैं।

कोहली ने इस वर्ष अप्रैल में खत्म होने वाले अनुबंध को फिर से रिन्यू करने से इन्कार कर दिया था और उस समय कहा था कि वह लोगों को उन चीजों का सेवन करने के लिए नहीं कहेंगे जो वह ख़ुद नहीं करते।

कोहली समय-समय पर स्वस्थ जीवन शैली का समर्थन करते नज़र आते हैं और यह उनकी फिटनेस को देखकर साबित भी हो जाता है कि वो इस जीवनशैली को अपनाते हैं। एक सॉफ्ट ड्रिंक का विज्ञापन निश्चित रूप से उनके इस स्वभाव का विरोध करता है।

कोहली के मैनेजमेंट फर्म ने इस मामले पर किसी भी सवाल का जवाब देने से इन्कार कर दिया है। हालांकि एक सूत्र से पता चला है कि विराट अब उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।

कोहली के साथ काम कर चुके सूत्र ने शनिवार को एक समाचार एजेंसी को बताया, “विराट अब फेयरनेस क्रीम या इस तरहव के उत्पादों को एंडोर्स नहीं करेंगे। विराट ने प्रतिभा और कड़ी मेहनत के आधार पर ये सफलता पाई है।”

उन्होंने कहा, “फेयरनेस प्रोडक्ट जो त्वचा की रंगत को किसी की सफलता से जोड़ते हैं, वो विराट के निजी मूल्यों के खिलाफ हैं।”

गौरतलब है कि विराट किसी भी ब्रांड का प्रमोशन और विज्ञापन करने के लिए एक दिन के 4.5 से 5 करोड़ रुपये लेते हैं।

Share this story