भारतीय क्रिकेट टीम के नए जर्सी को लेकर विवाद गहराया

30 जून को होने वाले इंग्लैंड से मुकाबले के पहले भारतीय क्रिकेट टीम के नए जर्सी को लेकर विवाद शुरू हो गया। बर्मिंघम में अपना सातवां मुकाबला खेलने से पहले ने जर्सी को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई। भारतीय टीम के नए जर्सी में नारंगी रंग के इस्तमाल से राजनीति गरम हो गई।
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के विधायकों ने मौजूदा केंद्र की सरकार पर निशाना साधते हुए इसके पीछे भगवाकरण की मंशा को बताया। तो वही कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इस बात को नकार दिया, पार्टी प्रवक्ता संजय झा ने ट्वीट कर भारतीय क्रिकेट टीम के नए जर्सी के रंग पर राजनीति न करने की नसीहत दी।
दरअसल आईसीसी के नियमों के अनुसार दो टीमें एक रंग की जर्सी पहनकर मैदान में नहीं उतर सकती है। ऐसे में किसी एक टीम को अपनी जर्सी में बदलाव लाने होंगे इस नियम को फुटबॉल के बाद क्रिकेट में भी लागू किया गया।
वही मैच से पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में जर्सी का अनावरण करते हुए भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि “मुझे यह जर्सी पसंद आई है, अगले एक गेम के लिए अच्छा बदलाव है ,लेकिन ब्लू जर्सी पहनकर खेलना हम सबों की हमेशा से पहली पसंद रही है “.
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी कई बार भारतीय टीम की जर्सी में बदलाव की गए हैं वर्ष 1994 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए श्रृंखला में नारंगी की पीले रंग का इस्तमाल किया गया था।
इस विवाद पर भारतीय क्रिकेट टीम के बालिंग कोच भारत अरुण का बयान सामने आया है उन्होंने कहा है कि “हमारा ध्यान सिर्फ आने वाले मैच पर है ना कि जर्सी के रंग पर”.
इससे पहले भी महेन्द्र सिंह धोनी के विकेट कीपिंग ग्लब्स को लेकर विवाद हुआ था, तब आईसीसी ने धोनी को भारतीय सेना के बलिदान बैज पहनकर खेलेने अनुमति नहीं दी थी। जिसको लेकर भारत में काफी विरोध हुआ था।
अपने सभी मैचों में जीत हासिल करने के बाद भारत ,रविवार को रहे इस हाई वोल्टेज मुकाबले में यदि जीत हासिल करती है तो टीम सीधे सेमीफाइनल में प्रवेश कर जाएगी, और वहीं विरोधी टीम इंग्लैंड के लिए सेमीफाइनल पहुंचने की राहें और भी मुश्किल हो जाएगी।