ट्राफी भले नहीं उठा सकी टीम इंडिया, लेकिन बेटियों ने जीता दिल

ट्राफी भले नहीं उठा सकी टीम इंडिया, लेकिन बेटियों ने जीता दिल

ऑस्ट्रेलिया के इंडिया को हराकर भले ही पांचवीं बार t20 विश्व कप की ट्रॉफी अपने नाम की हो लेकिन जिस तरह से भारत के बेटियों ने खेल दिखाया है वह सराहनीय है काबिले तारीफ है बेटियों ने अपना पूरा 100% खेल में दिया।

ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 50 रनों से हराया का पांचवी वार t20 विश्व कप का खिताब अपने नाम किया है। इससे पहले बात 2010, 2012, 2014 और 2018 में यह ट्रॉफी अपने नाम की थी। ऑस्ट्रेलिया कप्तान ने टॉस जीतकर पहले पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया था। और निर्धारित 20 ओवर में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 185 रनों का लक्ष्य रखा था जिसके जवाब में भारत 99 के स्कोर पर सिमट गई।
ऑस्ट्रेलिया छत्तीसगढ़ वर्ल्ड कप का फाइनल चल रहा था वही भारत t20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा था। भारत की सीनियर खिलाड़ी स्मृति मंधाना है मैच हारने के बाद सभी खिलाड़ियों से कहा कि वह उन्हें अकेला छोड़ दें।मंधाना ने मैच के बाद कहा कि यह समय आत्ममंथन का है। हार आपको जीत की तुलना में काफी चीजें सिखाती है। टीम को अकेला छोड़ दीजिये और सोचिये कि हम अगले कुछ वर्षों में कैसे बेहतर कर सकते हैं।
वहीं दूसरी तरफ शिफाली वर्मा मेडल लेने के बाद अकेले में खड़ी होकर रो रही थी। जिस पर उनके पास स्मृति मंधाना पहुंचकर बोली आपने बहुत अच्छा खेल रहा है, हमें आप के प्रदर्शन पर गर्व है भले ही फाइनल में हमें हार मिली है।

वही मैं सी बात कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा कि उन्हें अपनी टीम पर पूरा भरोसा है भविष्य में भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी। हरमनप्रीत ने माना कि आस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाजों को जो भी जीवनदान मिला शायद वही मैच का टर्निंग प्वाइंट था। ऑस्ट्रेलियाई ओपनर बेथ मूनी (नाबाद 78) और एलिसा हीली (75) दोनों ने 8 शतक की पारी खेली जिसकी बदौलत आस्ट्रेलिया के भारत के सामने विशाल स्कोर खड़ा किया था। कप्तान हरमनप्रीत ने कहा कि भारत के लिए अगले डेढ़ साल बेहद अहम है और हमें अपनी कमजोरियों पर खासकर क्षेत्ररक्षण पर काम करना होगा।

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