IND vs AUS 2nd T20I : ये हैं टीम इंडिया की हार के 5 कारण…
गुवाहटीः भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए दूसरे टी-20 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 8 विकेट से हराकर तीन मैचों की सीरीज़ को 1-1 से बराबर कर लिया। इस मैच को जीतने के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने अपने पांच साल के जीत के सूखे को खत्म कर लिया। भारत ने ये मैच ऑस्ट्रेलिया की झोली में पहले 7 में ही ड़ाल दिया था। क्योंकि पहले सात ओवरों में भारत 27 रनों पर 4 विकेट खो चुका था उसके बाद पूरे मैच में भारत के हर खिलाड़ी में उस आत्मविश्वास की कमी लगी जो वो वाकी मैचों में दिखाते आए हैं। आइए जानते हैं वो 5 कारण जिनकी वजह से भारत ये मैच इतनी बुरी तरह हारा –
जैसन बेहरनडोर्फ 4-21-4 :
अपना दूसरा अंतरराष्ट्रीय टी-20 खेल रहे जैसन भारतीय बल्लेबाजों की समझ से परे नज़र आये और अपने 4 ओवर के स्पेल में 21 रन देकर 4 विकेट झटककर भारत को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया। जिसके बाद भारत मैच में बापसी कर ही नहीं पाया। यह भारत की हार के पांच कारणों में से एक है।
फ्लॉप टॉपऑर्डर –
पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के टॉप चार बल्लेबाजों में से कोई भी दहाई का अंक नहीं छू पाया। महज़ 27 रनों पर ही पूरा टॉपऑर्डर पवेलियन लौट चुका था। टॉप ऑर्डर के किसी भी बल्लेबाज ने जिम्मेदारी अपना काम नहीं निभाया और अधिक आत्मविश्वास में सस्ते में निपटते चले गए।
धोनी का गैर जिम्मेदाराना खेल –
27 रनों पर टॉपऑर्डर के पवेलियन लौट जाने के बाद धोनी और जाधव के बीच एक साझेदारी पनप रही थी और दोनो 27 रनों के स्कोर को 60 के स्कोर तक ले जा चुके थे। लेकिन ऐन मौके पर जैम्पा की बॉल को डिफेंस करने के लिए थोनी स्टेप ऑउट होकर क्रीज़ के बाहर आए और चूक गए। विकटों के पीछे खड़े पेन ने बिना किसी गलती के धोनी को स्टंपिंग करते हुए आउट कर दिया। इसके बाद टीम सस्ते में सिमटती चली गई और कोई दूसरी साझेदारी नहीं बन सकी।
कोहली का रिव्यू न लेना –
भारत के तेज गेंदबाजों ने शुरुआत में ऑस्ट्रेलियन टीम को जकड़ लिया था और बहुत ही सस्ते में दोनों ओपनर को पवेलियन भेज दिया था। दवाब में आए हेनरिकेज़ भी भुवनेश्वर की एक बॉल पर विकटों के पीछे थोनी को कैच दे बैठे, लेकिन कोहली के अलावा किसी को भी नहीं लगा कि बॉल बल्ले से लगकर गई है। कोहली ने धोनी से भी कहा लेकिन थोनी मना कर दिया। उसके बाद कोहली भी अपने आप पर भरोसा नहीं रहा और रिव्यू नहीं लिया। लेकिन जब रीप्ले में देखा गया तो कट साफ नज़र आ रहा था। इससे हेनरिकेज़ बच गए। उस वक्त वे केवल 2 रनों के निजी स्कोर पर खेल रहे थे।
स्पिनर का न चलना – टेस्ट, वनडे और पहले टी-20 में भारतीय पिचों पर स्पिनरों ने अपना खूब जलवा बिखेरा। लेकिन इस मैच में उभरते हुए दोनो स्पिनर नाकाम से नज़र आये। कुल्दीप यादव ने अपने 4 ओवरों में बिना किसी विकेट लिए 46 रन खर्च दिए और चहल ने 3.3 ओवर में बिना किसी विकेट के 29 रन खर्च दिए। दोनों ही स्पिनर बहुत ही मंहगे साबित हुए। ये भारत की हार का एक बड़ा कारण था क्योंकि लो स्कोरिंग मैच में गेंदबाज अधिक रन नहीं खर्च सकता।