सू की ने कहा की रोहिंग्या ने म्यांमार में कराये हमले, घर वापसी की यह होगी प्रक्रिया
म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने रोहिंग्या मामले पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा की हम पलायन कर रहे लोगो के दर्द को समझते है. हम यहां से मुस्लिमों के बांग्लादेश में पलायन को लेकर चिंतित भी है. उन्होंने कहा कि हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि आखिर यह पलायन क्यों हो रहा है? आपको बता दे की पिछले कई दिनों ने रोहिंग्या में हुए हिंसा की वजह से वह से मुस्लिम लोग पलायन कर रहे है.
घर वापसी की यह होगी प्रक्रिया
सान सू की ने कहा की जो लोग वापिस म्यांमार आना चाहते है हम उनका स्वागत करते है. म्यांमार में वापस आने के लिए हम रिफ्यूजी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करेंगे. इस प्रक्रिया के बाद लोग वापिस आ सकते हैं.
रोहिंग्या आतंकी हमलों में शामिल
सू की ने कहा कि रोहिंग्या आतंकी हमलों में शामिल हैं. रोहिंग्या समूहों ने म्यांमार में हमले कराए. सू की ने कहा कि म्यामांर ने रोहिंग्या लोगों को संरक्षण दिया लेकिन नतीजा क्या निकला. अपने ही देश के लोगो को इनमे से शामिल कुछ लोगों ने नुकसान पहुंचाया. हम मानते हैं की कुछ लोगों की वजह से सभी लोगो को इसका खामियाजा भुगता पड़ रहा है.
पलायन की वजह
रखाइन प्रांत पिछले पांच वर्षों से सांप्रदायिक हिंसा का शिकार है. लेकिन हाल में 25 अगस्त को रोहिंग्या चरमपंथियों के एक सैनिक चौकी पर हमले के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई. तब से इस बौद्ध आबादी वाले देश में हिंसा का दौर जारी है और बड़े पैमाने पर रोहिंग्या मुसलमानों का पलायन हो रहा है. तक़रीबन १ लाख से ज्यादा लोग पलायन कर चुके हैं.
इस हिंसा के बाद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान द्वारा चुप्पी साध लेने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी कड़ी आलोचना हो रही थी. सू की ने कहा हमारी सरकार सिर्फ 18 महीने से सत्ता में है. हम अपनी तरफ से शांति की पूरी कोशिशें कर रहे हैं. रखाइन स्टेट में शांति स्थापित करने के लिए केंद्रीय कमेटी बनाई है. इस कमीशन की अगुवाई करने के लिए हमने डॉ. कोफी अन्नान को आमंत्रित किया है. आतंक की गतिविधियों से हम सख्ती के साथ निपटेंगे. जो भी दोषी होगा उसे सजा जरूर दी जाएगी.