अहमदाबाद में मोदी और आबे ने किया बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास

भारत के रेल सेवा में एक क्रांतिकारी अध्याय जुड़ने वाला है. क्योंकि आगे आने वाले समय में बुलेट ट्रेन लंबी दूरी को छोटा बनाने का काम करेगी. बुलेट ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज होगी की आप अहमदाबाद से मुंबई 3 घंटे में पहुंच जाएंगे. इस महत्वकांक्षी पर योजना पर एक लाख करोड़ से भी ज्यादा रुपए खर्च होने की संभावना है. इस प्रोजेक्ट पर जापान हमारी मदद कर रहा है. अलंग शिपयार्ड को 600 करोड़, गुजरात में आधारभूत ढांचे के लिए एक हजार करोड़ आदि की भी मदद जापान करेगा.

आज जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबरमती रेलवे स्टेशन के पास एथलेटिक स्टेडियम में महत्वाकांक्षी 1.08 लाख करोड़ रुपये के अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास कर दिया. मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली यह देश की पहली बुलेट ट्रेन 508 किमी का फासला 3 घंटे में तय करेगी. बुलेट ट्रेन की क्षमता 750 यात्रियों की होगी. इसके चलने से मुंबई-अहमदाबाद के बीच यात्रा की दूरी सात से घटकर तीन घंटे रह जाएगी.

बुलेट ट्रेन रूट की बात करें तो साबरमती से मुंबई के बीच दोहरे लाइने होंगी. इन लाइनों का रूट इस प्रकार होगा  156 किमी महाराष्ट्र, 351 किमी गुजरात, 2 किमी दादर और नगर हवेली.

इस अवसर पर कहा गया है कि बुलेट ट्रेन चलने की वजह से युवाओं को रोजगार मिलेगा. ऐसा माना जा रहा है कि तकरीबन 50000 नौकरियां इस की वजह से भारत में पैदा होगी.  20000 नौकरियां निर्माण क्षेत्र में 20,000 नौकरिया अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े हुए लोगों को  और 4000 नौकरियां ऑपरेशन के रूप में पैदा होंगे.

शिंजो आबे ने कहा,  जापान और भारत के पहले अंग्रेजी अक्षरों को मिला दिया जाए तो जय (Ja+I = Jai) बन जाता है. शिंजो आबे ने कहा, चाहता हूं कि मैं जब अगली बार आऊं तो बुलेट ट्रेन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ आऊं.

भले ही भारत में रेलों की हालत खस्ता हो, आम इंसान को टिकट मिलना मुश्किल हो, आए दिन रेल दुर्घटनाएं होती रहे, लेकिन बुलेट ट्रेन एक बहुत महत्वकांक्षी योजना है जिसको चलाना भारत के लिए बहुत जरूरी है.

मुख्य बिंदु

50000 से ज्यादा रोजगार के अवसर

508 किमी का फासला 3 घंटे में तय

मुंबई से अहमदाबाद का रूट

1.08 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत

 

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