फ्लोरिडा में इरमा से तबाही और ९/११ का मनहूस दिन

हर साल न जाने कितने लोग प्राकतिक आपदाओं की चपेट में आते है. कभी बाढ़, कभी सूखा, कभी भूकंप तो कभी तेज चलती हवाएं. कई प्राकतिक आपदाओं को झेल चुका अमरीका एक बार फिर तूफ़ान की चपेट में आ गया है. यह तूफ़ान इतना भयानक है की इसने 65 लाख से ज्यादा लोगो को बेघर कर दिया है. ,11 लाख घरों में बिजली गुल हो गई है. कई सम्पतियों का नुक्सान हुआ है. इसके बाबजूद भी यह तूफ़ान थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस तूफ़ान की वजह से ३ लोग अपनी जान भी गवा चुके हैं.

210 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाले चक्रवाती तूफान ‘इरमा’ ने अमेरिका के फ्लॉरिडा में भारी तबाही मचा दी है. रविवार को इरमा की वजह से फ्लॉरिडा के 11 लाख घरों और दफ्तरों में बिजली गुल हो गई और अब तूफान के बाद विनाशकारी बाढ़ आने की आशंका है. नैशनल हरिकेन सेंटर के मुताबिक अटलांटिक में अब तक के सबसे ताकतवर तूफान माने जाने वाले इरमा की वजह से फ्लॉरिडा राज्य के पश्चिमी तट पर 15 फीट ऊंची समुद्री लहरें उठीं. फ्लॉरिडा के गवर्नर रिक स्कॉट ने कहा है कि उन्हें सबसे ज्यादा चिंता पश्चिमी तट की ही है. इस तटसीमा के पास टंपा और सेंट पीटर्सबर्ग शहर पड़ते हैं.

इरमा ने मचाई तबाही,10 लाख घरों में बिजली गुल, 60 लाख से ज्यादा लोग  सुरक्षित स्थानों पर ले जाए गए. अमेरिकी के  इतिहास में सबसे ज्यादा ताकतवर तूफानों में से एक इरमा की वजह से अमीरिका को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है. फ्लॉरिडा अमेरिका का सबसे बड़ा टूरिस्ट प्लेस माना जाता है और देश की जीडीपी में इस राज्य का 5 प्रतिशत योगदान है. गौर तलब है की इससे पहले यह तूफ़ान कैरेबियाई क्षेत्र में तबाही मचा चुका हैं.

अब देखना यह होगा की इतनी भरी तबाही के बाद अमरीका कैसे उबर पाता है. आपको बता दे की आज ही के दिन जब आसमान से न्यूयार्क शहर पर मौत बरसी थी. 90 देशों के नागरिकों की गई जान गई थी. अमेरिका के इतिहास में 11 सितम्बर २००१ वह काला दिन है, जिसे कोई भी अमेरिकी कभी याद ही नहीं करना चाहता है. आज ही के दिन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला हुआ था.  

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