नेपाल और भारत के बीच एक और विवाद, नेपाल ने भारत की 500 मीटर भूमि पर किया दावा

नेपाल और भारत के बीच एक और विवाद,  नेपाल ने भारत की 500 मीटर भूमि पर किया दावा

अभी एक तरफ़ भारत और चीन के बीच तनाव चल ही रहा है। वहीं दूसरी तरफ नेपाल ने भी भारत के नाक में दम कर रखा है। अब नेपाल ने बिहार के चंपारण क्षेत्र स्थित एक बांध की मरम्मत पर रोक लगाते हुए 500 मीटर भूमि पर नेपाल ने अपना दावा किया है। एक तरफ चालबाज चीन धोखा देता है तो दूसरी तरफ अब नेपाल भी चीन के दम पर भारत की जमीन कब्जाना चाहता है।

नेपाल को लग रहा है कि इस समय चीन भारत के बीच ठनी हुई है और वह इसी मौके का इस्तेमाल करके भारत की जमीन पर अपना दावा ठोककर उसे अपना बनाना चाहता है। नेपाल ने बिहार के पूर्वी चंपारण के ढाका अनुमंडल स्थित बलुआ गुआबारी पंचायत के निकट लालबकेया नदी पर बांध की मरम्‍मत के कार्य को रोक दिया है। नेपाल का कहना है कि यह बांध उसकी जमीन पर बनाया जा रहा है। नेपाल के विरोध के बाद बिहार के सिंचाई विभाग ने भारतीय क्षेत्र में काम रोक दिया है।

भारत के सशस्‍त्र सीमा बल (एसएसबी) व पूर्वी चंपारण जिला प्रशासन के अनुसार यह विवाद भारत- नेपाल सीमा पर पीलर संख्या 345/5 और 345/7 के बीच के पांच सौ मीटर के भूखंड को लेकर है। नेपाल बांध को लेकर जब भी आपत्ति करता था, भारत व नेपाल के अधिकारी बातचीत से मामला सुलझा लेते थे, लेकिन इस बार दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव के बीच ऐसा संभव नहीं हो सका।

अब नेपाल, चीन साथ मिलकर भारत को पटखनी देना चाहते हैं। लेकिन नेपाल को यह नहीं समझ आ रहा है कि भारत ने उसके विकास के लिए क्या नहीं किया। भले ही अब नेपाल पूरी तरह से चीन के प्रभाव में आकर भारत से आंख मिला रहा है लेकिन एक दिन नेपाल को खुद ही समझ आएगा की वह जिस ड्रैगन के साथ हांथ मिला रहा है वहीं ड्रैगन एक दिन पूरे नेपाल को लीगल जाएगा और नेपाल को पता भी नहीं चलेगा। नेपाल को यह नहीं पता है की अगर भारत अपने यहां से खाद्य पदार्थ का निर्यात रोक दे तो नेपाल में महगांई अपने चरम पर पहुंच जाएगी।k

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