Nirbhya Case: निर्भया के परिवार ने सात साल से नहीं मनाई होली

दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसंबर, 2012 की रात 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी।
निर्भया की मौत के बाद से परिवार के लोग होली नहीं मना रहे हैं। 20 मार्च को दरिंदों को फांसी की सजा होने के बाद परिवारवाले होली और दीपावली मनाना शुरू करेंगे। ये बातें निर्भया के पिता ने मीडिया को बताया कि “16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में दरिंदगी की शिकार निर्भया की सिंगापुर में इलाज के दौरान 29 दिसंबर 2012 को मौत हो गई थी। उसके बाद से घर पर होली नहीं मनाई गई।
उम्मीद थी कि दरिंदों को होली से पहले फांसी के फंदे पर लटका दिया जाएगा लेकिन कानूनी दांवपेच में मामला लटका रहा लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि 20 मार्च को दरिंदे फांसी पर अवश्य लटक जाएंगे”। इसके बाद ही परिवार में होली और दीपावली मनाई जाएगी। निर्भया के बाबा ने कहा कि “उनके घर पर होली हर साल फीकी रहती है”।
इस साल लगा था कि घर पर होली मनेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वे खुद घर छोड़ चुके हैं और होली के बाद आएंगे। पूरा यकीन है कि चारों दरिंदों को 20 मार्च को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा। इसके बाद वे होली मनाएंगे। सामाजिक कार्यकर्ता अश्वनी पांडेय ने कहा कि “उन लोगों की होली भी 20 मार्च के बाद मनेगी”।
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को निर्भया कांड के मृत्युदंड पा चुके दोषी मुकेश की याचिका पर 16 मार्च को सुनवाई करने का निर्णय लिया। मुकेश ने शुक्रवार को अपने वर्तमान वकील एमएल शर्मा के जरिये अपनी पुरानी वकील वृंदा ग्रोवर के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका दाखिल की थी। याचिका में वृंदा पर दिल्ली पुलिस के साथ मिलीभगत कर मुकेश के खिलाफ साजिश करने और जानबूझकर उसकी क्यूरेटिव पिटीशन जल्दी दाखिल करने का आरोप लगाया गया है।
साथ ही वृंदा के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही मुकेश को उसके कानूनी विकल्प दोबारा इस्तेमाल करने का मौका दिए जाने की गुहार लगाई गई है। यह याचिका बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत द्वारा चारों आरोपियों के खिलाफ चौथी बार डेथ वारंट जारी करते हुए 20 मार्च को फांसी की तारीख मुकर्रर करने के बाद लगाई गई है।