फांसी से बचाने के लिए निर्भया के गुनहगारों ने लगाई दिल्ली के LG से गुहार

निर्भया के गुनहगारों ने मौत की सजा से बचने के लिए अब नया पैंतरा अपनाया है। दरअसल अब दोषियों ने दिल्ली के उपराज्यपाल में गुहार लगा दी है। दोषी विनय शर्मा ने अपने वकील एपी सिंह के जरिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की है। एपी सिंह ने सीआरपीसी के सेक्शन 432 और 433 के तहत फांसी की सजा को निलंबित करने की मांग की है। दिल्ली की अदालत ने सभी दोषियों के खिलाफ चौथी बार डेथ वारंट जारी किया है, जिसके मुताबिक 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे सभी दोषियों को फांसी की सजा दी जानी है।
इससे पहले भी निर्भया के दोषी विनय ने कोर्ट में याचिका देकर मेडिकल सहायता की मांग की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट ने इस याचिका की जांच के लिए तिहाड़ जेल से मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी। जिसमें यह साफ हो गया था कि उसने खुद दीवार पर अपना सिर पटका था जिसके बाद उसे तुरंत मेडिकल सहायता दी गई। अदालत ने गौर किया कि मौत की सजा के मामले में सामान्य चिंता और अवसाद होता है। यह भी पता चला कि इस मामले में निस्संदेह, पर्याप्त चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक मदद प्रदान की गई है।
इससे पहले दोषी मुकेश सिंह ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने कानूनी उपाय बहाल करने का अनुरोध किया है। दोषी का आरोप है कि उसके वकील ने उसे गुमराह किया था। वकील मनोहर लाल शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में मुकेश सिंह ने आरोप लगाया है कि केन्द्र , दिल्ली सरकार और न्याय मित्र की भूमिका निभाने वाली अधिवक्ता वृन्दा ग्रोवर ने ‘आपराधिक साजिश’ रची और ‘छल’ किया जिसकी सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए