प्रणब मुखर्जी की आखिरी किताब को लेकर उनके बेटे और बेटी में छिड़ी जंग

दूसरी और बेटी शर्मिष्ठा ने बताया इसे "सस्ता प्रचार"
प्रणब मुखर्जी की आखिरी किताब के प्रकाशन को लेकर बेटे अभिजीत मुखर्जी और बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी के बीच छिड़ गया "कोल्ड वॉर।" उनके प्रकाशक ने किताब को एक संस्मरण के रूप में बताया था। रूपा प्रकाशन ने अगले साल के अंत में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संस्मरणों की अंतिम मात्रा को लॉन्च करने की घोषणा की थी।
उनके बेटे जो की लोकसभा के पूर्व सदस्य भी रह चुके है , अभिजीत मुखर्जी ने मांग की है कि अंतिम पांडुलिपि को मंजूरी देने तक प्रकाशन को रोक दिया जाए। सबसे पहले अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया कि वह संस्मरणों पर विचार करना चाहते हैं और प्रकाशकों को उनकी सहमति से पहले पुस्तक को रोकने के लिए कहा। तब शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने भाई से "सस्ते प्रचार" ने करने की मांग की और उन्हें अपने पिता की पुस्तक के विमोचन में "अनावश्यक बाधा" बनाने से मना भी किया।
श्री मुखर्जी ने लिखा, "मेमोरियल 'द प्रेसिडेंशियल मेमोरियर्स' के लेखक का बेटा आपसे संस्मरण के प्रकाशन के साथ-साथ प्रेरित अंशों को भी रोकने का अनुरोध करता है, जो पहले से ही कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म पर चल रहा है। चूँकि मेरे पिता अब नहीं रहे, इसलिए मैं उनके पुत्र होने के नाते किताब की अंतिम प्रति को देखना चाहता हूं क्योंकि यह प्रकाशन से पहले है। अगर मेरे पिता आज जीवित होते तो वो भी ऐसा ही करते। इसलिए, मैं उनका पुत्र होने के नाते ये अनुरोध करता हूं, जब तक मैं इसको जांच न लूँ, आप मेरी लिखित सहमति के बिना इसका प्रकाशन तुरंत रोक दे। मैंने आपको इस संबंध में एक विस्तृत पत्र पहले ही भेज दिया है जो जल्द ही आप तक पहुंच जाएगा"
दो घंटे बाद, उनकी बहन शर्मिष्ठा ने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा "संस्मरण 'द प्रेसिडेंशियल इयर्स' के लेखक की बेटी मैं, अपने भाई @ABHIJIT_LS से अनुरोध करती हूं कि वह हमारे पिता द्वारा लिखित अंतिम पुस्तक के प्रकाशन में कोई अनावश्यक बाधा न उत्पन्न करें। बीमार होने से पहले उन्होंने पांडुलिपि को पूरा कर लिया था। "