परीक्षा पे चर्चा किया: “विफलता में सफलता की शिक्षा दी” पीएम मोदी ने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल यानी सोमवार को छात्रों के संग परीक्षा पे चर्चा किया। तालकटोरा स्टेडियम में पीएम मोदी ने छात्रों को परीक्षा के तनाव से बचने के कई टिप्स दिए, जिनमें उन्होंने चंद्रयान-2 से लेकर क्रिकेट तक का जिक्र किया। पीएम मोदी ने चंद्रयान-2 का उदाहरण देकर छात्रों को बताया कि कैसे विफलता से निपटा जाए। पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा करने से पहले प्रदर्शनियों का जायजा लिया। इस चर्चा का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि छात्र तनावमुक्त होकर आगामी बोर्ड एवं प्रवेश परीक्षाएं दें। इस कार्यक्रम में करीब 2,000 छात्रों ने भाग लिया, जिनमें से 1,050 छात्रों का चयन निबंध प्रतियोगिता के जरिए किया गया था।
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी ने छात्रों से बात की उन्होंने प्रेरक बातों के जरिए बच्चों की समस्याओं का सामधान निकालने की कोशिश की। बच्चों ने भी पीएम को से सवाल पूछे। कई सवाल तो ऐसे थे, जो बच्चे अपने माता-पिता या घर के किसी बड़े से भी पूछ सकते थे, लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा। पीएम ने सभी सवालों के जवाब बड़े दिलचस्प अंदाज में दिए। पूरे कार्यक्रम के दौरान कई ऐसी बातें निकलीं, जिन्हें गांठ बांध लिया जाए, तो कोई परीक्षा बड़ी नहीं लगती। आइए जानते है ऐसी कौन कौन सी बातें बताई पीएम मोदी ने जिससे बच्चो का मनोबल बढ़ेगा-
एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटी है ज़रूरी।
पीएम मोदी ने कहा- आप एक्स्ट्रा एक्टिविटी नहीं करेंगे तो रोबोट बन जाएंगे। क्या हम चाहते हैं कि हमारा यूथ रोबोट बन जाए? नहीं, वे ऊर्जा और सपनों से लबरेज हैं। इसके लिए बेहतर समय प्रबंधन की आवश्यकता होगी। आज कई अवसर हैं और मुझे आशा है कि युवा इनका उपयोग करेंगे।
परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं पड़ाव है।
पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं। कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है। ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए। मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है।
क्रिकेट का भी दिया उदाहरण ।
पीएम मोदी ने 2002 में भारत जब वेस्टइंडीज में खेलनी गई थी तब का उदाहरण देते हुए कहा “अनिल को जब चोट लगी तो लोग सोचने लगे वो बालिंग कर पाएंगे या नहीं, लेकिन उन्होंने तया किया वो खेलेंगे पट्टी लगाकर वो खेले। इसी तरह हमें विफलताओं में भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं। हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हो।
चंद्रयान-2 के बहाने बताया विफलता से निपटने के तरीके।
पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रयान-2 जब सही तरह से लैंड नहीं कर पाया तो आप सब निराश हुए थे। मैं भी निराश हुआ था। मैं आज सीक्रेट बताता हूं। कुछ लोगों ने मुझे कहा था “कि आपको उस कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए क्योंकि अगर यह फेल हो गया तो”? इसके बाद मैंने कहा कि इसीलिए तो मुझे जाना चाहिए और मै गया भी। मैं उस वक्त वैज्ञानिकों का चेहरा देख रहा था। अचानक मुझे ऐसा लगा कि कुछ तो गलत हुआ है। फिर वैज्ञानिकों ने बताया कि चंद्रयान-2 मिशन फेल हो गया। इसके बाद मैंने वैज्ञानिकों को चिंता न करने की बात कह कर होटल चला गया।
लेकिन मैं चैन से नहीं बैठा सोने का मन नहीं कर रहा था पीएमओ की टीम अपने कमरे में चली गई थी मगर मेरा मन नहीं मान रहा था मैंने फिर सबको बुलवाया मैंने कहा कि सुबह हम देर से नहीं जाएंगे। क्या ये वैज्ञानिक सुबह आठ -नौ बजे इकट्ठा हो सकते हैं क्या? मैं खुद को नहीं समझा सकता था, इसलिए मैं सुबह वैज्ञानिकों से मिला। अपने भाव मैंने वैज्ञानिकों से व्यक्त किया। उसके बाद माहौल बदल गया। उसके बाद आप सब ने देखा जो हुआ। हम विफलताओं मैं भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं।
वहीं कुछ छात्रों पीएम मोदी से प्रशन किए जिसमे राजस्थान की 10वीं की छात्रा का सवाल है “मैं इस साल बोर्ड की परीक्षा दूंगी, बिना तनाव के मैं कैसे तैयारी करूं”?
पीएम मोदी ने बड़े दिलचस्प तरीके से उत्तर दिया और कहा “क्या कभी हमने सोचा है कि Mood off क्यों होता है? अपने कारण से या बाहर के किसी कारण से। अधिकतर आपने देखा होगा कि जब Mood off होता है, तो उसका कारण ज्यादातर बाहर होते हैं। हमने डर के कारण आगे पैर नहीं रखे, इससे बुरी कोई अवस्था नहीं हो सकती। हमारी मनोस्थिति ऐसी होनी चाहिए कि हम किसी भी हालत में बिना डरे आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे, ऐसा मिजाज तो हर विद्यार्थी का होना चाहिए”।
यह साल आपके और भारत के लिए हैं अहम
परीक्षा पे चर्चा में पीएम मोदी ने कहा कि फिर एक बार आपका ये दोस्त आपके बीच में है। उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले नये साल की आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं। यह साल ही नहीं बल्कि एक नया दशक है। आपके जीवन में यह दशक जितना अहम है, हिन्दुस्तान के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इस वक्त जो 10 वीं-12वीं के विद्यार्थी हैं, उनका सबसे ज्यादा योगदान होगा। यह दशक महत्वपूर्ण बने, नई ऊंचाइयों को पाने वाला, नए संकल्पों और सिद्धियों के साथ आगे बढ़े, ये सब इस पीढ़ी पर ज्यादा निर्भर करता है।
मानव संसाधन मंत्री निशंक रमेश पोखरियाल ने पीएम मोदी के परीक्षा पे चर्चा को लेकर कहा कि जीवन का हर क्षण एक परीक्षा से होकर गुजरता है। यहां अलग- अलग प्रदेशों से आए छात्रों से कहना चाहता हूं कि आपकी तरफ पूरी दुनिया आशा भरी निगाह से देख रहा है।