माघ पूर्णिमा पर कुंभ स्नान करने से मिलते हैं यह लाभ

इस बार माघ पूर्णिमा पर अर्ध्य कुम्भ का संयोग बना है.19 फरवरी 2019 मंगलवार को माघ पूर्णिमा है. यह दिन ज्योतिष और धर्म की वजह से बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस बार कुंभ के दौरान यह संयोग बना है.
अब तक ८० लाख लोग कर चुके है स्नान:
कुंभ मेले के पांचवें स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर मंगलवार दोपहर तक 80 लाख के करीब लोग गंगा-यमुना के पवित्र जल में डुबकी लगा चुके हैं। मेला क्षेत्र में करीब 8 किलोमीटर के दायरे में फैले 40 घाटों पर पूर्णिमा का स्नान हो रहा है। करीब ७० लाख लोगों के स्नान की और उम्मीद है.

माघ पूर्णिमा
माघ पूर्णिमा का महत्त्व :
इस बार माघ पूर्णिमा मघा नक्षत्र में आई है. ऐसा माना जाता है की इस दौरान गंगा नदी में नहाने से मुक्ति की प्राप्ति होती है. आप गंगा नदी में नहीं नहाने जा सकते तो आप घर भी नहाने के पानी में गंगाजल डालकर भी स्नान कर सकते हैं. यह भी फलदायी होता है. ऐसी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा पर स्नान करने वाले लोगों पर कृष्ण भगवान की विशेष कृपा होती है. साथ ही भगवान कृष्ण प्रसन्न होकर व्यक्ति को धन-धान्य, सुख-समृद्धि और संतान के साथ मुक्ति का आर्शिवाद प्रदान करते हैं. पद्मपुराण में कहा गया है की बाकी के महीनों में जप, तप और दान से भगवान विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते जितने कि वे माघ मास में स्नान करने से होते हैं।

माघ पूर्णिमा
माघ पूर्णिमा पर होता है कल्पवास खत्म :
तीर्थराज प्रयाग में संगम के निकट हिन्दू माघ महीने में कल्पवास करते हैं. पौष पूर्णिमा से कल्पवास आरंभ होता है और माघी पूर्णिमा के साथ संपन्न होता है. इस कल्पवास का भी माघ पूर्णिमा के दिन स्नान के साथ अंत हो जाता है. इस मास में देवी-देवताओं का संगम तट पर निवास करते हैं.
माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से होने वाले लाभ:
भूमि, मकान, वाहन, संतान का सुख मिलेगा. मनचाहे अकूत धन की प्राप्ति मिलेगी. मान्यता है कि माघ पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में नदी स्नान करने से शारीरिक समस्याएं दूर हो जाती हैं.
माघ पूर्णिमा करें यह दान :
दान में तिल, गुड़ और कंबल का विशेष पुण्य है। इसके अलावा वस्त्र, कपास, घी, लड्डू, फल, अन्न आदि भी विशेष फल देते हैं। इस दिन तिल और कंबल का दान करने से नरक लोक से मुक्ति मिलती है.