Nirbhya Case: दोषियों को नहीं मिलेगी अलग अलग फांसी High Court ने किया इंकार

Nirbhya Case: दोषियों को नहीं मिलेगी अलग अलग फांसी High Court ने किया इंकार

निर्भया मामले में हाई कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती पेश की है। दरअसल निर्भया केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की अर्जी पर फैसला सुनाते हुए कहा कि “चारो दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं हो सकती”। केंद्र सरकार ने दोषियों को जल्द फांसी देने के लिए अदालत में अर्जी दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए रविवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था” ।

केंद्र सरकार ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि “चारों दोषी जुडिशल सिस्टम का गलत फायदा उठा कर फांसी को टालने की कोशिश कर रहे हैं”।

जिन दोषियों की दया याचिका खारिज हो चुकी है या किसी भी फोरम में उनकी कोई याचिका लंबित नही हैं, उनको फांसी पर लटकाया जाए। किसी एक दोषी की याचिका लंबित होने पर बाकी 3 दोषियों को फांसी से राहत नही दी जा सकती।इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने रविवार को विशेष सुनवाई करने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।निर्भया के माता-पिता के वकीलों ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत के समक्ष मामले को अर्जेट रूप से प्रस्तुत किया और सामूहिक दुष्कर्म के चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट पर से रोक हटाने की मांग वाली केंद्र की याचिका के जल्द निस्तारण की मांग की।

निर्भया के माता-पिता के वकील जितेंद्र झा ने कहा, “न्यायमूर्ति कैत ने जवाब दिया कि उन्होंने शनिवार और रविवार को सुनवाई की, जिससे पता चला कि अदालत मामले की अर्जेसी को समझती है और यह भी आश्वासन दिया है कि वह जल्द से जल्द आदेश को पारित करेंगे।’

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना आदेश रविवार को सुरक्षित रख लिया था जिसमें निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चार दोषियों अक्षय , पवन, मुकेश और विनय के खिलाफ फांसी की सजा के वारंट को अनिश्चित काल के लिए रोक दिया है”।

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