राष्ट्रीय बालिका दिवस 2019: 24 जनवरी को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय बालिका दिवस, यहां जानें सभी बातें

राष्ट्रीय बालिका दिवस 2019: भारत में हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। यह सबसे पहले साल 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण सहित कई मुद्दों पर जागरूकता को बढ़ावा देना है।
सरकार ने ‘धनलक्ष्मी’ जैसी योजनाओं के माध्यम से समाज में बालिकाओं की स्थिति को मजबूत करने के लिए कई उपाय किए हैं। महिला और बाल विकास द्वारा शुरू की गई, ‘धनलक्ष्मी’ योजना सुनिश्चित करती है कि कक्षा 8 तक बालिकाओं की बुनियादी जरूरतों जैसे कि टीकाकरण, जन्म पंजीकरण और स्कूल रखरखाव का ध्यान रखा जाए।
बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी एंड पीएनडीटी) अधिनियम 1994, घरेलू हिंसा अधिनियम 2009, POCSO अधिनियम 2012, आदि जैसे अन्य उपायों को बालिकाओं के खिलाफ अन्याय को रोकने के लिए शुरू किया गया था।
बालिका दिवस के उद्देश्य: देशभर में हर साल बालिका दिवस निम्न उद्देश्यों से मनाया जाता है-
1. लोगों में जागरूकता बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि हर लड़की को अपने समकक्षों के समान महत्व मिले।
2. सभी लड़कियों के साथ होने वाले सामाजिक भेदभाव के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना।
3. बाल लिंग अनुपात में गिरावट के मुद्दे पर जागरूकता पैदा करना और बालिकाओं के महत्व को बढ़ाने के सकारात्मक माहौल बनाना।
2011 की जनगणना के अनुसार, 82.14% पुरुष के मुकाबले केवल 65.46% महिलाएं साक्षर पाई गईं। सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि लिंग भेदभाव अभी भी समाज में प्रचलित है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं कि हर बालिका को बेहतर जीवन मिले। यहां बालिकाओं के कुछ अधिकार बताए गए हैं:
1. भारत में लिंग भेदभाव के लिए अल्ट्रासाउंड परीक्षणों का उपयोग अवैध बना दिया गया है।
2. बाल विवाह प्रतिबंधित किए गए हैं।
3. ‘सेव द गर्ल चाइल्ड’ सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है।4. ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों के लिए बेहतर आजीविका सुनिश्चित करने के लिए स्व-सहायता समूह शुरु किए गए हैं।