महाराष्ट्र में फिर मनसे की गुंडागर्दी, गैर मराठियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

महाराष्ट्र में एक बार फिर राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की गुंडागर्दी देखने को मिली है। एक बार फिर इनके निशाने पर उत्तर भारतीय रहे जिन्हें मनसे कार्यकर्ताओं ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।

मनसे की यह ऐसी पहली गुंडागर्दी नही है और यह 2008 से अनवरत जारी है। गैर मराठी के नाम पर आंदोलन के नाम पर उत्तर भारतीयों की पिटाई कर राजनीति चमकाने का यह राज ठाकरे का पुराना फार्मूला है।

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के सांगली में आज सुबह मनसे कार्यकर्ता लाठी डंडे से लैस होकर सड़कों पर निकले और जो भी गैर मराठी व्यक्ति नजर आया उसकी जमकर पिटाई कर दी। इस दौरान आतंक का आलम यह था कि कोई भी व्यक्ति इनके सामने पिट रहे लोगों की मदद करने आगे नही आया।

हाल के दिनों में राजनीतिक हाशिये पर चल रहे राज ठाकरे ने एक मुहिम चलाने की बात कही थी जिसका मकसद गैर मराठी उत्तर भारतीय लोगों को सांगली से हटाना है। इस मुहिम को नाम दिया गया लाठी चलाओ भैया हटाओ।

खबरों के मुताबिक मनसे का आरोप है कि सांगली स्थित एमआईडीसी में गैर मराठों को नौकरी दी जा रही है।मनसे ने यह भी मांग की है कि 80 फीसदी नौकरी मराठा लोगों को दी जाए। इसी को लेकर मनसे का यह कहर बरपा है।

मनसे के कार्यकर्ताओं की इस गुंडागर्दी का वीडियो सामने आने के बाद राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं और कड़ी कारवाई की बात भी कही गई है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अभी और गिरफ्तारी होनी है। हालांकि इस घटना के बाद उत्तर भारतीय लोगों में डर का माहौल है और वह शहर तक छोड़ने की बात कह रहे हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले 2008 में भी राज ठाकरे ने मराठा और बाहरी के नाम पर ऐसी गुंडागर्दी अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से कराई थी। जिसे राजनीतिक स्टंट और शिवसेना के मराठा वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए उठाया गया कदम माना जा रहा है लेकिन इन सब के बीच देश के अंदर ही नागरिकों से भेदभाव की यह राजनीति दुखद है और इसे बर्दास्त नही किया जाना चाहिए। ऐसे लोगों पर कड़ी कारवाई की मांग के लिए आवाज़ें भी उठने लगी हैं।

Share this story