पहले दिन लखनऊ मेट्रो की खुली पोल, सीढ़ी की मदद से निकले यात्री
कल सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ मेट्रो सेवा की औपचारिक शुरुआत की थी और आज ही मेट्रो की पोल खुल गई। सुबह 6 बजे मे ट्रांस्पोर्ट नगर से चली और आलमबाग जाकर खराब हो गई। खराब भी ऐसी हुई कि यात्रियों को इमरजेंसी गेट पर सीढ़ी की मदद से बाहर निकालना पड़ा। जहां कल तेरी मेट्रो मेरी मेट्रो की सियासत गर्म थी। वहीं आज पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्विटर पर आदित्यनाथ पर निशाना साध दिया।
Enjoyed my maiden ride in Lucknow Metro today. Now Lucknow will also be known as 'Metro Ka Shahar'. Thank you E Sreedharan ji & Team LMRC pic.twitter.com/a7tcoszw8K
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 5, 2017
राजनाथ सिंह की मौजूदगी में आदित्यनाथ ने किया था उद्घाटन
कल योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इसका औपचारिक उद्घाटन किया गया था। लेकिन पहले दिन ही मेट्रो के ब्रेकडाउन ने इसके मेंटेनेंस और परिचालन को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लखनऊ मेट्रो तो पहले से ही बनकर तैयार थी, भारत सरकार ने CMRS के जरिए NOC देने में इतना लंबा वक़्त लिया, फिर भी पहले ही दिन मेट्रो ठप ! pic.twitter.com/zTclU6qdzm
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 6, 2017
अखिलेश ने किया ट्वीट
वहीं अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘’लखनऊ मेट्रो तो पहले से ही बनकर तैयार थी, भारत सरकार ने CMRS के जरिए NOC देने में इतना लंबा वक्त लिया, फिर भी पहले ही दिन मेट्रो ठप’’। दरअसल अखिलेश मेट्रो रेल को अपना ड्रीम बताते आए थे। यही वजह है कि मेट्रो के शिलान्यास से लेकर मेट्रो के बनने तक उनकी नजर हमेशा इस प्रोजेक्ट पर रही है। लेकिन गद्दी हाथ से निकल जाने की वजह से वह इसका उद्घाटन नहीं कर सके।
Lucknow Metro Rail service temporarily stopped near Alambagh station due to technical glitches, on its first public run. pic.twitter.com/QSsTL6cp0V
— ANI UP (@ANINewsUP) September 6, 2017
इंजीनियर पकड़ नहीं पाए खामी
बता दें आज लखनऊ मेट्रो सेवा सुबह 6 बजे ट्रांसपोर्ट नगर से चली थी। इसके बाद यहां से चारबाग स्टेशन पहुंची और इसके बाद आलमबाग। वहां पहुंचने के बाद मेट्रो खराब हो गई। यहां मेट्रो करीब एक घंटे तक खराब रही। इसके बाद फंसे यात्रियों को सीढ़ी की मदद से उतारा गया। खास बात ये है कि जब मेट्रो को ठीक करने के लिए इंजीनियरों को बुलाया गया तो वो मेट्रो को ठीक ही नहीं कर पाए। ऐसे में खराब मेट्रो को ले जाने के लिए दूसरी मेट्रो बुलानी पड़ी। इस दौरान एक ट्रैक पूरी तरह से बाधित रहा।