बिहार में जींस ,टी-शर्ट पहनने पर लगा बैन.

बिहार के सचिवालय में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए जींस ,टी-शर्ट पहने पर बैन लगा दी गई है. अब किसी भी सचिवालय कार्यालय में कर्मचारी ऐसा नहीं कर सकते हैं.राज्य सरकार के अवर सचिव के द्वारा जारी किया गया एक नोटिस में कहा गया कि पदाधिकारी और कर्मचारी ऑफिस के खिलाफ Casual ड्रेस पहनकर ऑफिस नहीं आ पाएंगे. अब उन्हें फॉर्मल ड्रेस पहन कर आने के बाद ही ऑफिस में काम करने की इजाजत मिलेगी.
इसकी पीछे कर कारण बताया गया कि फॉर्मल ड्रेस यानी औपचारिक परिधान शालीन, गरिमायुक्त और आरामदायक है. इसके अलावा फॉर्मल ड्रेस सामान्य रूप से समाज में पहनने योग्य है. इसमें यह भी कहा गया है ऐसा नहीं करने पर इसे कार्यालय के गरिमा के ख़िलाफ़ माना जाएगा . सचिवालय की अलग-अलग विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए पहले से ही ख़ास रंग के ड्रेस कोड बनाया गया है, इसके अलावा आईएएस अधिकारियों के लिए भी पहले से ही ड्रेस कोड निर्धारित है.

File Photo.
पहले किन-किन राज्यों ने लगाया है बैन.
साल 2018 में राजस्थान लेबर डिपार्टमेंट ने भी अपने कर्मचारियों को जींस और टी-शर्ट पहन कर आने पर बैन लगा दिया था. तब राजस्थान में भी कुछ इसी तरह का नोटिस जारी कर जींस और टी-शर्ट पहनने पर मनाही लगाई गई थी. हालांकि उस वक्त कर्मचारी संगठनों द्वारा इस सरकार के इस कदम का विरोध भी हुआ था.राजस्थान से पहले भी साल 2015 में गोवा की सरकार ने कला एवं साहित्य विभाग में अपने कर्मचारियों को जींस और टी-शर्ट पहनने पर पाबंदी लगा दी थी.
क्यों जरुरी है Casual ड्रेस .
इसकी शुरुआत विक्टोरियन काल यानी बीसवीं सदी के मध्य काल से शुरु हुई थी. तब से केवल ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी ही नहीं ,बल्कि कारखानों में काम करने वाले वर्कर भी पहनते थे.
एक तरीके का खास ड्रेस कोड यानी फॉर्मल ड्रेस कोड होने से कंपनी की कर्मचारियों में कोई भेदभाव की बात नही रहती है.
इसकी अलावा एक फॉर्मल ड्रेस रहने से टीम वर्क और जिम्मेदारी का एहसास ज्यादा रहता है,और काम करने वाले लोग भी खुद को अधिक पेशेवर तरीके से देखते हैं.

बीसवीं सदी में इंग्लैंड के कार्यालयों में काम करते लोग.
File Photo