राष्ट्रपति ने दी पांच राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति को मंजूरी, जानें इनके बारे में सब कुछ

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज पाँच राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा अंडमान निकोबार में उप-राज्यपाल की नियुक्ति के आदेश भी जारी हुए हैं। दशहरा के मौके पर राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। इस नियुक्ति को लेकर कयासों का दौर पिछले काफी दिनों से जारी था। साथ ही बिहार और तमिलनाडु में भी राज्यपाल का पद खाली था।

अधिसूचना के मुताबिक सत्यपाल मलिक बिहार, जगदीश मुखी आसाम, बनवारी लाल पुरोहित तमिलनाडु, गंगा प्रसाद को मेघालय और बीडी मिश्रा को अरुणाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही एडमिरल देवेंद्र कुमार जोशी केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार के लेफ्टिनेंट गवर्नर बनाये गए हैं।

राज्यपालों कि यह नियुक्ति बीजेपी शासित राज्यों को केंद्र में रख कर की गई है। हालांकि इस नियुक्ति में कोई चौंकाने वाली बात नही है लेकिन कुछ चेहरों को इस सूची में जगह मिलना चौंकाने वाला फैसला जरूर नजर आ रहा है।

जानें नए राज्यपालों के बारे में-

सत्यपाल मालिक, राज्यपाल, बिहार- सत्यपाल मलिक मूल रूप से अलीगढ़ उत्तरप्रदेश के निवासी हैं,वह 1998 में अलीगढ़ से सांसद रह चुके हैं और 2004 में बीजेपी में शामिल हुए थे।

बीडी मिश्रा, राज्यपाल, अरुणाचल प्रदेश- एन एस जी मे कमांडर और बाद में ब्रिगेडियर तक का सफर तय करने वाले मिश्रा का जन्म 20 जुलाई 1939 को हुआ था। वह 1962,1965 और 1971 की लड़ाई में भी शामिल रहे थे।

जगदीश मुखी, राज्यपाल, आसाम- जगदीश मुखी बीजेपी के बड़े नेताओं में से एक हैं।वह इमरजेंसी के समय से राजनीति में सक्रिय हैं। दिल्ली सरकार में वह मंत्री भी राह चुके हैं।इसके अलावा वह नेता विपक्ष भी राह चुके हैं। असाम से पहले वह अंडमान निकोबार के उपराज्यपाल थे।

गंगा प्रसाद, राज्यपाल, मेघालय- बिहार के मूल निवासी गंगा प्रसाद के पास लंबा राजनीतिक अनुभव है। वह पहली बार 1994 मे एमएलसी चुने गए और 18 सालों तक रहे। वह बीजेपी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा बिहार में राजग गठबंधन के दौरान वह सदन के नेता थे।

बनवारी लाल पुरोहित, राज्यपाल, तमिलनाडु- राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षणिक रूप से सक्रिय बनवारी लाल का जन्म महाराष्ट्र के विदर्भ में हुआ था। 1978 में नागपुर से पहली बार चुनाव जीत विधायक बने, 1980 में भी नागपुर से जीते और इसके बाद पहली बार 1982 मे मंत्री बने। 1984 से 1989 तक वह लोकसभा सांसद रहे, 1996 में वह दोबारा सांसद बने, इसके अलावा वह संसद की कई समितियों का हिस्सा भी रह चुके हैं। इससे पहले वह 17 अगस्त 2016 से आसाम के राज्यपाल का कार्यभार संभाल रहे थे।

एडमिरल डी के जोशी, उप राज्यपाल, अंडमान-निकोबार- एडमिरल डी के जोशी भारतीय नौसेना के 21 वें प्रमुख रह चुके हैं। अलमोड़ा और नैनीताल से अपनी शिक्षा ग्रहण करने वाले जोशी को परम विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा भी उनके कार्यों को देखते हुए कई सम्मान दिए गए हैं। सिंगापुर में वह भारतीय उच्चायोग में सैन्य सलाहकार की भूमिका अदा कर चुके हैं।

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