दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर, कल स्कूल रहेंगे बंद
राजधानी में मंगलवार को चारों ओर धुएं की चादर जम जाने के बाद दिल्ली सरकार ने सभी जूनियर स्कूलों (निजी और सरकारी) को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। कल बुधवार को सभी जूनियर स्कूली बच्चों को घर से बाहर ना निकलने की हिदायत दी गई है।
दिल्ली सरकार ने आदेश दिए हैं कि कक्षा 5 और उससे ऊपर के बच्चों को सुबह की असेंबली समेत किसी भी बाहरी गतिविधियों को करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। आज घोषणा के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा निवासियों को सुबह और शाम के समय गर से बाहर ना निकलने और प्रदूषण से बचने की लिए सलाह दी गई है क्योंकि राजधानी इस वक्त प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है।
दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी में भूरे रंग की मोटी धूमिल परत जम जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली में “सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल” घोषित कर दिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल ने कुछ आपातकालीन उपाय सुझाए हैं जिनमें कारों के उपयोग को कम करने के लिए पार्किंग शुल्क को चार गुना बढ़ाने और मेट्रो के किराए में कमी करना शामिल है।
दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण के कारण निवासियों को आँख, नाक और गले में जलन की शिकायत हो रही है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (जो हवा में जहरीले कण पदार्थ की एकाग्रता को मापता है) इस समय पैमाने पर 451 के “गंभीर” स्तर पर है। इस पैमाने पर अधिकतम रीडिंग 500 है और 100 से ऊपर की किसी भी रेटिंग को अस्वास्थ्यकर माना जाता है।
उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जूनियर स्कूलों को बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “मैं लोगों को सुबह की सैर से बचने का अनुरोध करता हूं। यह स्थिति गंभीर संकट के करीब है।”
दिल्ली सरकार ने कुछ समूहों मुख्यतः बच्चों और बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सलाहें जारी की हैं। इन समूहों को इस प्रदूषण से खतरा होने की संभावनाएं अधिक हैं। सरकार ने उन्हें बाहरी गतिविधियों से बचने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की “गैस चैंबर” से तुलना करते हुए सुझाव दिया था कि स्कूल कुछ दिनों के लिए बंद होने चाहिए। केजरीवाल ने एक ट्वीट के जरिए कहा, “हर साल, इस समय के दौरान, दिल्ली लगभग एक महीने के लिए गैस चैंबर बन जाती है।”