IIT हैदराबाद ने तैयार की कोरोना किट, 20 मिनट में होगी कोरोना की जांच

विश्व भर में फैली महामारी कोविड-19 नामक कोरोना वायरस की वैक्सीन और दवा बनाने को लेकर रिसर्च चल रही है। भारत में भी कोरोनावायरस की दवा बनाने को लेकर रिसर्च का काम जारी है । इसी बीच आईआईटी हैदराबाद से एक बड़ी खबर निकल कर सामने आई है। खबर है कि आईआईटी हैदराबाद ने एक कोरोनावायरस की किट तैयार की है, जो मात्र 20 मिनट में यह बता देगी कि व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है या नहीं।
इस कोरोनावायरस किट को आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर शिव गोविंद सिंह और उनकी टीम ने मिलकर बनाया है। आईटी हैदराबाद की निदेशक बीएस मूर्ति ने प्रोफेसर शिव गोविंद के कार्य को काफी सराहनीय बताया है। निदेशक बीएस मूर्ति ने कहा है कि जाहिर है कोरोनावायरस की जांच में यह किट मददगार साबित होगी। प्रोफ़ेसर शिव गोविंद ने कहा है कि हमने कोरोना वायरस के जांच उपकरण के विकल्प को तलाशने का प्रयास किया है हम चाहते थे कि कम कीमत और कम समय में अच्छे परिणाम आ सके।
टेस्टिंग के बारे में बताते हुए प्रोफेसर श्री गोविंद जी ने बताया कि आरटी पीसीआर मौजूदा समय में कोरोनावायरस सबसे महत्वपूर्ण है। सबसे पहले इस टेस्ट में मरीज का सैंपल लिया जाता है उसके बाद उसे एमटीएम में लेकर उसे टेस्टिंग लैब ले जाया जाता है। टेस्टिंग लैब में ले जाने के बाद मनुष्य के सैंपल को आरएनए करते हैं और उसके बाद उसे डीएनए में बदल देते हैं। जैसे हम सैंपल को आरएनए एक्स्ट्रैक्शन करके डीएनए में बदलते हैं और डीएनए में बदलने के बाद उसे एंपलीफायर किया जाता है जिसके बाद या देखा जाता है कि उस डीएनए में कोरोना की या नहीं कुल मिलाकर यह एक बहुत लंबी प्रक्रिया है। इस लंबी प्रक्रिया की वजह यह है कि कम वायरल लोड होने पर उसे पकड़ने की संभावना कम होती है, इसलिए एंप्लीफिकेशन की प्रक्रिया अपनानी पड़ती है। इसकी मशीन भारी होती है और टेस्ट कीमत भी ज्यादा होती है। इसीलिए लंबी प्रक्रिया को देखते हुए हमारी पूरी टीम ने ऐसी कोरोनावायरस की है जो मात्र 20 मिनट में यह बता सकती है कि व्यक्ति कोरोनावायरस संक्रमित है या नहीं।
आईआईटी हैदराबाद द्वारा विकसित की गई नई कोरोनावायरस रैपिड टेस्टिंग करने में भी आसानी होगी जल्द से जल्द सैंपल कलेक्ट कर के यह बताया जा सकता है कि व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है या नहीं।