विस्तृत रिपोर्ट :केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत 7 राज्यों में बारिश ने लाखों लोगों को किया बेघर, प्रकृति के इस कहर से मुसीबत में फंसा हिंदुस्तान.

पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर से लोगों के जनजीवन को प्रभावित किया है. मूसलाधार बारिश के चलते भारत के 7 राज्यों में बाढ़ जैसी खतरनाक स्थिति बन गई है. इसका असर कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र ,गोवा ,असम, बिहार और उड़ीसा जैसे राज्यों में देखने को मिल रहा है. कर्नाटक के 30 में से कुल 16 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं .जिसमें बेलगावी, दक्षिण कन्नड़ा, उडुपी,शिमोगा जैसे नौ जिलों को रेड अलर्ट घोषित किया गया है. इस बारिश के चलते अब तक पूरे प्रदेश भर में 17 लोगों की जानें जा चुकी है.सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कुल 43,858 लोगों को अब तक आर्मी ,एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों के द्वारा सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. गौरतलब हो कि साल 2009 के बाद कर्नाटका में ऐसी मूसलाधार बारिश देखने को मिली है जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई. रेलवे द्वारा मिली जानकारी के अनुसार 11 अगस्त तक राजधानी बंगलुरु से मंगलुरु के बीच चलने वाली ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है.
खतरे को देखते हुए कर्नाटक सरकार की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है, नीचे दिए गए नंबरों पर कॉल कर मदद मुहैया कराई जाएगी.

फाइल फोटो
कर्नाटक के सीमा से सटे राज्य महाराष्ट्र में भी बारिश ने अपना क़हर जमकर ढाया है. सांगली ,कोल्हापुर ,पुणे सतारा और सोलापुर जैसे जिलों में खतरनाक स्थिति उत्पन्न बनी हुई है. महाराष्ट्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी में अब तक बताया गया है कि कुल 2.85 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है. इसके साथ ही 97 हज़ार मवेशियों को भी सही ठिकानों पर पहुंचाया गया. ताजा उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक के चंद दिनों की बारिश में महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में कुल 29 लोगों की मौत हो चुकी है. खासकर सांगली और कोल्हापुर में स्थिति अभी भी अति संवेदनशील है . सांगली में एनडीआरएफ , जलसेना, एसडीआरएफ और कोस्ट गार्ड की कुल 36 टीमों की तैनाती की गई है तो वहीं कोल्हापुर में 34 टीमों की तैनाती की गई है. 125 नावों द्वारा इन जिलों की निगरानी की जा रही है और वहां फंसे हुए लोगों को सुरक्षित कैंपों तक पहुंचाया जा रहा है.
इन सब के बीच केरल की भी स्थिति चिंताजनक है. पिछले साल इसी महीने बारिश से उत्पन्न हुए बाढ़ से केरल में 483 लोगों की मौत हुई थी और लगभग 50 लाख लोग बुरी तरह प्रभावित हुए थे. बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश ने केरल के लोगों को एक पिछले साल की खौफनाक मंजर की यादें ताजा कर दी हैं. कोझिकोड, वायनाड, इडुक्की और मल्लापुरम जिलों में लगातार जलस्तर बढ़ने की खबरें आ रहीं हैं. पूरे राज्य भर में 315 बाढ़ राहत शिविर खोले गए हैं जिनमें करीब 22 हज़ार लोगों ने अबतक शरण ली है. इन जिलों के अलावा और नौ अन्य जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है. प्रदेशभर में एनडीआरएफ के कुल 13 टीमें स्थिति पर पैनी नजर रख रही है. मौसम विभाग द्वारा पूर्वानुमान लगाया गया है कि राज्य में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज हवाएं चलेंगी. एहतियात के तौर पर मछुआरों को तटीय इलाकों से दूर के निर्देश दिए गए हैं. वहीं केरल के सबसे व्यस्त कोच्चि एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही रोक दी गई है. कोच्चि एयरपोर्ट प्रशासन ने 11 अगस्त तक एयरपोर्ट बंद रहने कि जानकारी दी.

जलजमाव के कारण कोच्चि एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है और सारी सेवायें स्थगित कर दी गयी है .
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इसी प्रकार बिहार में भी कमला नदी, कोसी, बूढ़ी गंडक और बागमती नदी में जलस्तर बढ़ने से कई जिलों में अभी भी बाढ़ की स्थिति बनी है. खासकर नेपाल की सीमा से सटे कई जिलों में इसका असर अधिक देखने को मिला. समाचार एजेंसी पीटीआई के एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के 38 जिलों में से 13 जिलों में कुल 88.46 लाख लोगों ने बाढ़ की विभीषिका से बेहाल रहे.
पिछले महीने कुछ इसी तरह की स्थिति पूर्वोत्तर राज्य असम में देखने को मिली जहां बाढ़ के कारण भारी जानमाल के नुकसान हुआ.असम में आए बाढ़ ने अब तक 52 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया था .राज्य के 30 जिलों में बाढ़ का प्रकोप छाया रहा . असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथरिटी (ASDMA)के बयान के मुताबिक असम के 4,663 से अधिक गांवों में बाढ़ के पानी में डूबे रहे.