Google ने Doodle बनाकर भारत के इस महान वैज्ञानिक को किया याद.

भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के जनक कहे जाने वाले वैज्ञानिक विक्रम साराभाई को गूगल ने उनके 100वें जन्मदिवस पर डूडल बना कर श्रद्धांजलि अर्पित की। 12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद में जन्मे डॉक्टर विक्रम साराभाई ने 1947 में अहमदाबाद में ही फिजिकल रिसर्च लैबोरेट्री (PRL) की स्थापना की। इसके पीछे उनका मकसद भारत को विज्ञान के क्षेत्र में आगे ले जाने का था। वर्ष 1969 में केरल के तिरुवंतपुरम में एक अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना की गई जिसे बाद में उनके सम्मान में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र की नाम से जाना गया। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र इसरो(ISRO) का सबसे बड़ा एवं सर्वाधिक महत्वपूर्ण केंद्र है इस केंद्र पर रॉकेट, प्रक्षेपण यान एवं कृत्रिम उपग्रहों का निर्माण एवं उनसे संबंधित तकनीकों का विकास किया जाता है। ये उनकी ही कोशिशों का नतीजा है कि भारत को इसरो (ISRO) जैसा संस्थान मिला है ,जो विज्ञान के क्षेत्र में हमारे देश को विश्व के अग्रणी देशों की सूची में लाकर खड़ा करता है।

गूगल ने डूडल बनाकर उनकी जयंती पर याद किया. फाइल फोटो.
कई संस्थानों को किया स्थापित.
विक्रम साराभाई ने अपने जीवन काल में भारत के लिए कई संस्थाओं की स्थापना की और उनके संस्थापक सदस्य भी रहे। इनमें इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (IIM)अहमदाबाद, कम्युनिटी साइंस सेंटर , इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड जैसी 10 संस्थाओं की स्थापित करने में अपना अहम योगदान दिया। उनके विज्ञान के क्षेत्र में इस अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने साल 1966 में उन्हें पद्म भूषण और साल 1972 में मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
इसरो (ISRO) कुछ इस तरह देगा सम्मान.
भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन उनके 100 वीं जयंती पर देश के 100 अलग-अलग शहरों में सम्मान समारोह की योजना बना रहा है. साल भर तक चलने वाले समारोह की शुभारंभ 12 अगस्त को उनके जन्मस्थान अहमदाबाद की जाएगी।
उनके जीवन पर आधारित यह किताब पढ़ सकते हैं आप.
पत्रकार और लेखक अमृता शाह ने विक्रम साराभाई के जीवन पर एक किताब लिखी है जिसका नाम है Vikram Sarabhai : A Life. 264 पन्नों की इस किताब में लेखक ने उनके जीवन के उतार-चढ़ाव के हर क्षण को विस्तार से समझाया है।

उनके जीवन पर आधारित पुस्तक : विक्रम साराभाई अ लाइफ फाइल फोटो.