पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली नहीं रहे, महज 66 साल की उम्र में अलविदा कह गए.

आज दिल्ली के एम्स अस्पताल में पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ट नेता अरुण जेटली का निधन हो गया. उनकी उम्र महज 66 साल की थी. इस दुखद खबर सूचना अस्पताल में एक बुलेटिन जारी कर दी. इसमें बताया गया कि वह इसी महीने के 9 तारीख से अस्पताल में भर्ती थे, उनकी हालत काफी गंभीर बताई जा रही थी. महज 15 दिनों के भीतर ही उनका निधन हो गया. इसी महीने सांस लेने में समस्या के चलते उनको नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें आईसीयू वार्ड में रखा गया था. बीमारी के चलते ही उन्होंने इस बार के कैबिनेट में कोई जिम्मेदारी नहीं ली. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि वह कोई पद लेना नहीं चाहते हैं.

अस्पताल की ओर बुलेटिन जारी कर जानकारी दी गयी .
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कॉलेज के दिनों से की राजनीति की शुरुआत.
उन्होंने अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत अपने कॉलेज के दिनों से की. साल 1974 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष चुनकर आए. दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से उन्होंने बीकॉम की पढ़ाई पूरी की और बाद में वकालत की पढ़ाई भी की. आपातकाल के दौरान वह जयप्रकाश आंदोलन में शामिल हुए इस दौरान वो जेल भी गए. जेल से निकलने के बाद जन संघ के नेताओं से उनका संपर्क बना और साल 1991 में वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बन गए.
हर महत्वपूर्ण पद संभाला पार्टी में.
अटल बिहारी वाजपेई के सरकार में उन्हें साल 1999 में राज्य मंत्री बनाया गया. इसके एक साल बाद ही वो कैबिनेट में शामिल हो गए.साल 2009 में वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता बनाए गए , वो सदन के अंदर अपने पार्टी का बहुत ही प्रबल तरीके से पक्ष रखते थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में अमृत पंजाब के अमृतसर से चुनाव लड़े लेकिन जीत नहीं पाए.इसी साल नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार में उन्हें वित्त मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया.
उनके निधन से ही पार्टी समेत देशभर लाखों प्रशंसक के बीच एक शोक की लहर दौड़ गई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के अन्य सभी दलों के नेता उनको श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.

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