मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट, गिर सकती है सरकार? ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी बना सकती है मंत्री

मध्य प्रदेश की राजनीति में उथल – पुथल का दौर चल रहा है। सूबे की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीजेपी राज्यसभा से सिंधिया को संसद पद के लिए खड़ा कर सकती है। साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को मंत्री भी बनाया जा सकता है।
कांग्रेस के 19 विधायक जिसमे 6 मंत्री भी शामिल है। उन्हें बेंगलुरू में देखा गया है। इन विधायकों ने अपना इस्तीफा भी राज्य के राज्यपाल को भेजा दिया है। अगर राज्यपाल इनका इस्तीफा मंजूर कर लेते हैं तो कमलनाथ सरकार का गिरना लगभग तय है। ए विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया पाले के बताए जा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस से अपना इस्तीफा दे दिया है।
2018 के चुनाव में कांग्रेस को 114 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि बीजेपी को 109 सीटों पर जीत मिली थी। बहुमत के लिए 116 सीटें चाहिए थी। तो सपा, बसपा, और निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देकर सरकार बनाई थी। अब यह सरकार संकट के घेरे में है।
उधर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लाल जी टंडन को पत्र लिखकर 6 मंत्रियों को तत्काल हटाने की मांग की है। मंत्रियों में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हैं। जमीन से जुड़े नेता नरेंद्र सिंह तोमर का मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में काफी प्रभाव है और कांग्रेस के ज्यादातर बागी विधायक भी इन्हीं संभाग से आते हैं, जिनके बगावत पर उतरने के कारण कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है।
अगर कमलनाथ की सरकार गिरती है। तो जाहिर है भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। और एक बार फिर मामा शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कमान संभाल सकते हैं। प्रदेश में ‘जय और वीरू’ के नाम से चर्चित शिवराज और तोमर की जोड़ी ने 2०13 में 165 सीटें जितवाकर भाजपा को तीसरी बार सत्ता में काबिज करवाई थी।