कोटा में अभी भी फंसे हैं बिहार के हजारों बच्चे.

बिहार को छोड़कर राज्यों ने बसें भेजी.
बिहार को छोड़कर बाकी अधिकतर राज्यों ने बसें भेजकर फंसे बच्चों को सकुशल घर लाने का कार्य जारी कर दिया. उत्तरप्रदेश सरकार ने 300 बसें भेजकर बच्चों को घर भेज दिया. इन्हीं बसों से उत्तराखण्ड के बच्चों को भी आगरा तक लाया गया. मध्यप्रदेश सरकार ने भी 100 बसें भेजने का फैसला लिया है .इन बसों से तक़रीबन 2500 फंसे हुए बच्चों को लाया जाएगा. वहीं झारखण्ड ,पंजाब, गुजरात और असम जैसे राज्यों ने सम्पर्क कर फंसे हुए बच्चों की जानकारियां जुटाकर वापसी की योजना पर काम कर रही है .
स्थानीय स्तर पर छात्रों की मदद कर रही Ithappensinkota की टीम ने बातचीत के दौरान हमें बताया रोजाना उन्हें तकरीबन 2000 छात्रों के संदेश मिल रहे हैं. अधिकतर राज्यों के बच्चों के चले जाने के बाद खासकर बिहार के बच्चे बहुत तनाव की स्थिति से गुजर रहे हैं. इस स्थिति में वो ठीक से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. कई राज्यों के छात्रों के निकल जाने के बाद उनका तनाव और बढ़ गया है.
मकान मालिक किराया लेने को कर रहे मजबुर.
इस मुस्किल वक़्त में हॉस्टल और पीजी में रह रहे बच्चों को मकान मालिक भी किराया लेने को मजबुर कर रहे हैं. आर्थिक रूप से कमजोर घरों के बच्चे पर इसका सीधा असर पड़ रहा है. रोजगार ठप होने से कई परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहे है. बातचीत के दौरान हमें पता चला कि कोटा में अबतक छात्रों से किराया नही लेने के लिए हॉस्टल और पीजी मालिकों को कोई दिशा निर्देश नहीं जारी किया है. इससे सुदूर ग्रामीण इलाकों से आकर पढ़ाई करने वाले छात्रों की आर्थिक मुश्किलें बढ़ गई है.