न मैं संत, न कथावाचक, मैं तो गधा हूंः आसाराम

जबसे आसाराम बापू जेल गए हैं. तब से उनके सितारे गर्दिश में चल रहे हैं. कई बार उन्होंने बाहर आने की कोशिश की. बीमारी के बहाने बनाएं. लेकिन कोर्ट द्वारा उनके किसी भी बहाने पर उन्हें जमानत नहीं दी गई. आपको बता दें कि आसाराम ४ सालों से जोधपुर की जेल में हैं. वे एक १६ साल की नाबालिग युवती से यौन शोषण के मामले सजा काट रहे हैं.

फर्जी धर्मगुरूओं की सूची में नाम
आपको बता दें कि कि कुछ दिनों पहले अखाड़ा परिषद ने 14 फर्जी धर्मगुरूओं की सूची तैयार की थी. इस सूची में बाबा राम रहीम, राधे मां समेत आसाराम का भी नाम था. आसाराम ने खुद को इस लिस्ट में शामिल किए जाने पर भले नाराजगी जताई, लेकिन अखाड़ा परिषद के बारे में कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं जुटा सके.

में तो एक गधा हूं: आसाराम
खुद का नाम फर्जी लिस्ट में शामिल होने के सवाल पर मीडिया वालों ने जब उनसे सवाल करते हुए पूछा कि आप एक संत है कि कथावाचक. तो आसाराम ने खीजते हुए कहा” ना तो मैं कथावाचक हूँ न ही संत. में तो एक गधा हूं”. अखाड़ा परिषद द्वारा फर्जी बाबाओं की लिस्ट में आसाराम को बताए जाने पर आसाराम पिछले दिनो चुप्पी साधे हुए थे.

तबीयत का बहाना लेकर अभी तक सादे थे चुप्पी
आपको बता दे की बुधवार को अखाडा परिषद की सूची के बारे में जब सवाल पूछा गया तो वे चुप रहे थे, और कोई जवाब नही दिया था. हालांकि, कोर्ट से बाहर निकलते समय यह जरूर कहा था कि मैं कोई बहाना नहीं कर रहा हूं, मेरी तबीयत ठीक नहीं थी. इसी वजह से कुछ नहीं बोला, आज ठीक हूं तो बोल रहा हूं.

अब देखना यह होगा की आगे आने वाले समय में आसाराम को और क्या- क्या दिन देखने पड़ते हैं.

Share this story