#दिल्ली हिंसा के दंगे में फंसी मुस्लिम गर्भवती महिला की एक हिंदू भाई ने की मदद, पढ़े इंसानियत की यह खबर

#दिल्ली हिंसा के दंगे में फंसी मुस्लिम गर्भवती महिला की एक हिंदू भाई ने की मदद, पढ़े इंसानियत की यह खबर

मंगलवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली पूरी तरह से दंगाइयों के चपेट में था। हिंसा करने वाले लोग जिसको पा रहे थे उसको पीटते चले जा रहे थे। लोगों को काटते, मारते, पीटते दंगाई मंगलवार की दोपहर करावल नगर के महालक्ष्मी विहार इलाके में कुछ दंगाई एक मुस्लिम महिला के घर में घुस आए। इस घर में एक मुस्लिम महिला थी जिसके पेट में उसका बच्चा था और उसी दिन उस बच्चे की डिलीवरी भी होनी थी। उस महिला ने दंगाइयों से अनुरोध किया कि उसे ना मारे क्योंकि वह पेट से और उसके पेट में उसका बच्चा है। पर दंगाइयों ने उस मुस्लिम महिला की एक न सुनी और उन पर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया। यहां तक कि उन दंगाइयों ने महिला की पीठ पर भी लात मारे।

दंगाई जिस मुस्लिम महिला के घर में घुस जाते हैं उसका नाम शबाना था। जब दंगाइयों को मारपीट कर उसके घर को तोड़फोड़ करके भाग गए तो बगल में रहने वाले एक हिंदू ने उनकी मदद की। मदद करने वाले का नाम नाम संजीव था। संजीव ने शबाना को अपने मोटरसाइकिल पर बैठाकर ओल्ड मुस्तफाबाद छोड़ दिया।शबाना ने संजीव के बारे में खुद बताया कि उन्होंने मेरी मदद की।

उनके पीछे-पीछे उनका बाकी परिवार दो बच्चों, सास और अन्य रिश्तेदार भी वहीं आ गए। शबाना की रिश्तेदार शमा ने कहा “हम यहां एक रिश्तेदार के घर पर रुके और शबाना को हमने उनकी माँ के घर नांगलोई में छोड़ने का फैसला किया, ताकि वह अपने बच्चे को वहां जन्म दे सके।  वहां से एक पुलिसकर्मी ने उनकी मदद की पेशकश की लेकिन शबाना को शबाना को लेबर पेन होने लगा इसलिए उन्हें जल्दी से पास के अल-हिंद अस्पताल में पहुंचा दिया।” जहां शबाना ने बुधवार को एक बच्चे को जन्म दिया जिसका वजन 3.5 किलोग्राम था, और उसका नाम “आज़ाद” या “सोनू” रखा जाएगा।

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