Halwa Ceremony के साथ शुरू हुई बजट की प्रिंटिंग, जाने क्यों होती है ये परंपरा

बजट 2020-21 के लिए दस्तावेजों की छपाई आज ‘हलवा सेरेमनी’ के साथ शुरू हो चुकी है। नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय में आयोजित इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
हर साल बजट पेश किए जाने से 10 दिन पहले हलवा सेरमनी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी गवर्मेंट 2.0 का दूसरा बजट एक फरवरी को 11 बजे पेश करेंगी।
मोदी गवर्मेंट 2.0 के दूसरे बजट का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था गिरावट के दौर से गुजर रही है। सरकार की ओर से जारी पहले अनुमान में चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी ग्रोथ पांच फीसद के आसपास रहने का अनुमान जताया गया है।
क्यों मनाया जाता है हलवा सेरमनी?
हम सभी जानते हैं कि भारतीय संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत मीठे से होती है। ऐसे में काफी लंबे समय से बजट के प्रकाशन की शुरुआत से पहले बड़ी सी कड़ाही में हलवा बनाने की परंपरा है। इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री खुद हिस्सा लेते हैं। इस हलवे को वित्त मंत्री, जूनियर मंत्री सहित बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों में यह हलवा बांटा जाता है। यह सांकेतिक प्रक्रिया है, जिससे पता चलता है कि बजट बनाने का काम अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इस सेरमनी के बाद वो अधिकारी और सहायक कर्मचारी, जो सीधे बजट बनाने और छपाई के प्रोसेस से जुड़े होते हैं, उन्हें बजट पेश किये जाने तक अपने परिवार से दूर रहना होता है।उन्हें अपने करीबी और प्रियजनों से फोन या संचार के किसी भी अन्य माध्यम से संपर्क करने की अनुमति नहीं होती।
अधिकारियों और कर्मचारियों को परिवार से इसलिए दूर रखा जाता है ताकि यूनियन बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी लीक न हो। इस समारोह का एक उद्देश्य बजट बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा रहे हर कर्मचारी को प्रोत्साहित और प्रशंसा करना भी है। इस साल बजट ऐसे समय में पेश किया जाएगा जब अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट होती जा रही हैं।