दिवाली तक कम हो सकते हैं डीजल पेट्रोल के दाम: प्रधान

पेट्रोल और डीजल की कीमतें साल 2014 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें तीन साल पहले के मुकाबले आधी रह गई हैं, बावजूद इसके देश में पेट्रोल, डीजल की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है.

सरकार द्वारा डीजल और पेट्रोल में हो रही लगातार वृद्धि से व्यापारी और आम जनता दोनों ही परेशान है. क्योंकि वाहन लोगों की जरूरत  बन गया है. पूरी दुनिया में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं होगा जिसने किसी भी वाहन में सफर न किया हो. जब भी डीजल- पेट्रोल के दाम बढ़ते है. उसका सीधा असर किराये की वृद्धि के रूप में आता है. आपको बता दे की डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने पर किराया तो जल्दी बड़ा देते हैं, पर काम होने पर इनको घटाते नहीं है. जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है.

कहना तो नहीं चाहिए लेकिन हमारे राजनेता सिर्फ हो-हल्ला मचाते हैं  करते कुछ नहीं. जब उनकी पार्टी सत्ता में होती है तब वो ही काम सही कहलाते हैं जो विपक्ष सत्ता में रहते हुए करता था. आपको ध्यान होगा कांग्रेस के समय जब दाम बढ़ते थे तो आज जो सत्ता में पार्टी कितना हो हल्ला मचाती थी. लेकिन आज उनकी नजर में दाम बढ़ना सही है.  सब राजनीति है.

रोज होंगे पेट्रोल डीजल के दाम तय

जब से सरकार ने यह घोसना की है की हर रोज पेट्रोल के दाम तय होंगे. तब से विपक्षी दल इसका विरोध कर है.  विपक्ष का कहना है कि जब से सरकार ने यह फैसला लिया गया है, तब से पेट्रोल-डीजल के दामों में तेजी देखी जा रही है. सरकार को इस मामले में गहन चिंतन करना चाहिए.

दिवाली तक हो सकते है दाम कम

अमृतसर के दौरे पर गए पेट्रोलियम मंत्री ने उम्मीद जताई है कि दिवाली तक  दाम कम हो सकते हैं. प्रधान ने कहा कि रिफाइनरी ऑयल के दाम इसलिए बढ़े क्योंकि यूएस में बाढ़ की वजह से ऑयल के प्रॉडक्शन में 13 प्रतिशत की कमी आई है.

सरकार द्वारा निर्धारित होता है मुनाफा

जब प्रधान से ऑयल कंपनियों के लाभ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है. कंपनियों के ज्यादा मुनाफे के सवाल पर उन्होंने कहा कि सब कुछ पानी की तरह साफ है. जब पेट्रोलियम मंत्री से पेट्रोलियम प्रॉडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है यह जीएसटी के दायरे में आ जाएगा.

नेता भी चिंतित

बाबू लाल  गौर ने मंगलवार को वित्तमंत्री मलैया को खत लिखा है, जिसमें पिछले कुछ दिनों में आई मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि राज्य में डीजल पर 27 प्रतिशत और पेट्रोल पर 31 प्रतिशत वैट लगता है, इसके अलावा डीजल पर डेढ़ रुपये व पेटोल पर चार रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त कर के तौर पर लिया जा रहा है. आपको बता दे दी बाबू लाल गौर के अलावा नितीश कुमार ने भी बढ़ते दामों का विरोध किया है.

पेट्रोल और डीजल के दाम टैक्स के कारण बढ़े

एसोचैम के नोट में कहा गया,”जब कच्चे तेल की कीमत 107 डॉलर प्रति बैरल थी, तो देश में यह 71.51 रुपये लीटर बिक रही थी. अब जब यह घटकर 53.88 डॉलर प्रति बैरल आ गई है तो इसे 40 रुपये लीटर बिकना चाहिए.  हालांकि कीमतों को बाजार पर छोड़ा गया है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लिए जानेवाले उत्पाद कर और बिक्री कर या वैट में तेज बढ़ोतरी के कारण जब अंतर राष्ट्रीय स्टार पर दाम बढ़े या कम हो इसका इसका सीधा असर जनता पर नहीं पड़ रहा.  यह सरकार निर्धारित कर रही है की दाम कैसे बढ़ने है और कम होने है.

Share this story