मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही शिवराज सिंह चौहान ने आधी रात बुलाई हाई लेवल मीटिंग

मध्य प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से सत्ता को लेकर घमासान मचा था । और मार्च अंत तक आते-आते मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया और इसी के साथ मध्य प्रदेश को शिवराज सिंह चौहान के रूप में एक नया मुख्यमंत्री मिल गया है। हालांकि इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश की सत्ता की बागडोर काफी लंबे समय तक संभाली है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है । इससे पहले शिवराज सिंह चौहान 2005 से लेकर लगातार 2018 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। यानी शिवराज सिंह चौहान लगातार 13 साल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे अब फिर से एक बार उन्होंने मध्य प्रदेश की कमान संभाल ली है।
कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी जिसके बाद कमलनाथ ने खुद ही अपना इस्तीफा दे दिया था। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ही शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा की मंगलवार से तीन दिन के लिए बैठक बुलाने का फैसला किया। इतना ही नहीं शिवराज सिंह चौहान ने कोरोनावायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए आधी रात को एक उच्च स्तरीय बैठक भी की ।
विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि वे मंगलवार को विश्वास मत हासिल करने का प्रस्ताव रखेंगे। बताया जा रहा है कि इसी दौरान वर्ष 2020-21 के लिए लेखानुदान भी प्रस्तुत किया जाएगा।
वहीं सोमवार की आधी रात मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने अपना इस्तीफा दे दिया था। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि स्पीकर ने अपना इस्तीफा उपाध्यक्ष हिना कांवरे को संबोधित करते हुए दिया है। हालांकि कांवरे भी सोमवार को भोपाल में नहीं थीं।
मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नया युग शुरू हो चुका है अब देखना यह होगा कि क्या बच्चे हुए सालों तक शिवराज सिंह चौहान की सरकार बनी रहती है या नहीं । या फिर मध्यप्रदेश में उथल-पुथल देखने को मिलेगी।