राजधर्म के आगे, पिता के दाह संस्कार में भी नहीं शामिल होगें यूपी के सीएम

राजधर्म के आगे, पिता के दाह संस्कार में भी नहीं शामिल होगें यूपी के सीएम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी का बेहतर उदाहरण देते हुए यह साबित कर दिया है कि राजा के प्रति जनता का और जनता के प्रति राजा का कैसा रवैया होना चाहिए। प्रदेश की 33 करोड़ जनता के लिए माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी अपने पिता की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हुए।

रामायण के मुख्य पात्र और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम भगवान की तरह ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपनी प्रजा के लिए अपना घर, परिवार सब कुछ तो पहले ही त्याग दिया था। और अब जब उनके पिता ने अंतिम सांसे ली तो उनके अंतिम यात्रा में भी नहीं शामिल हो सके। और एक चिठ्ठी लिखकर अपना पिता प्रेम तो व्यक्त किया। लेकिन राज धर्म के आगे उन्होने अपनी 33 करोड़ प्रजा को ही अपना घर परिवार समझा। साथ ही उन्होंने चिठ्ठी में यह भी लिखा कि लॉकडॉउन का पालन करते हुए पिता जी का दाह संस्कार किया जाए, और कम से कम लोग अंतिम यात्रा में शामिल हो ।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट के निधन पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रेमचंद्र अग्रवाल ने ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। उन्‍होंने ने शोक संदेश में कहा है कि दुखी परिवार एवं क्षेत्रवासियों को ईश्वर इस असीम दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे

माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के पिता आंनद बिष्ठ ने दिल्ली स्थिति अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIMS) में अंतिम सांसे ली। मार्च से ही स्वर्गीय श्री आंनद बिष्ठ जी ऐम्स में भर्ती थे। आज उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव पंचूर ( ठागर) में गंगा के किनारे किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर शोमवार की शाम करीब 7 बजे ही पहुंच गया था।
आपको माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की यह चिट्ठी ज़रूर पढ़नी चाहिए

 

राजधर्म के आगे, पिता के दाह संस्कार में भी नहीं शामिल होगें यूपी के सीएम

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