आस्तिक लोगों का है कहना, कि कोरोनावायरस है दैवीय प्रकोप

देश में कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। रोज नए नए मामले सामने आ रहे हैं। अब तक देश में कोरोनावायरस के चलते देश में मरीजों 500 के करीब पहुंच चुकी। वहीं 9 लोगों की मौत हो गई है। पूर्वोत्तर में कोरोना वायरस (COVID-19) के पहले मामले की पुष्टि हुई है। ब्रिटेन से लौटी एक 23 वर्षीय महिला का टेस्ट पॉजिटिव आया है। इससे पहले महाराष्ट्र में मरीजों की संख्या 101 हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पुणे में तीन नए मामले सामने आए हैं और सतारा में एक मामले की पुष्टि हुई है। यहां अभी तक दो लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मंगलवार 24 मार्च 2020 सुबह 8.45 बजे तक भारत में कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित मरीजों की संख्या 492 हो गई है।
भारत में कोविड 19 नामक कोरोना वायरस को लेकर तरह-तरह की खबरें सामने आ रही हैं। देवताओं, देवियों पर विश्वास करने वाले लोगों का कहना है कि देवी – देवता रुठे हुए हैं इसीलिए कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है । कुछ लोगों का कहना है कि प्रकृति से खिलवाड़ करना महंगा पड़ रहा है। प्रकृति अपना बदला ले रही है।
लोग अपने देवी-देवताओं को खुश करने के लिए उनकी पूजा कर रहे हैं। ताकि इस कोरोनावायरस से निजाद मिल सके। पूरे भारतवर्ष के गांव-गांव में देवी देवताओं की पूजा की जा रही है। लोगो ने यह मान लिया है कि यह भगवान का श्राप है। दूसरी तरफ वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक बीमारी है जो वायरस के फैलने से उत्पन्न हुई है।
सच्चाई क्या है यह कह पाना हम लोगों के लिए असंभव हैं। क्योंकि आप और हम शायद सभी लोग भगवान पर विश्वास करते हैैं, तो इसे दैवी प्रकोप भी मान सकते हैं। लेकिन जो लोग भगवान पर विश्वास नहीं करते और इसे एक बीमारी और महामारी मान रहे हैं । लेकिन भारी संख्या में लोग इसे दैवीय प्रकोप बता रहे हैं।
दुनिया इस समय एक गंभीर संकट से जूझ रही है अगर गंभीर संकट से हमें उभरना है तो हमें दोनों पर विश्वास करना होगा। विज्ञान और आस्था दोनों को साथ लेकर चलना पड़ेगा। आपकी और हमारी सुरक्षा इसी में है कि हम लोग अपने घरों में रहे बाहर ना निकले एक दूसरों को छुए न। अगर आप देवी-देवताओं पर विश्वास करते हैं तो आपको उनकी पूजा करनी चाहिए उनकी अर्चना करनी चाहिए । देवी देवताओं की पूजा अर्चना करके आप उनसे इस महामारी के प्रकोप को नष्ट करने के लिए कह सकते हैं। शायद भगवान खुश होकर इस आपदा को खत्म कर दें।