2011 में हुई थी प्रशांत किशोर की पीएम से मुलाकात

2011 में हुई थी प्रशांत किशोर की पीएम से मुलाकात

बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड से निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर अब सियासी ठिकाना खोजने में लगे हुए हैं हालांकि उन्होंने कहा है कि अभी वह किसी भी पार्टी में नहीं शामिल होना चाहते, बल्कि बिहार के विकास के लिए खुद काम करना चाहते हैं।
2014 में इंडिया की जीत में प्रशांत किशोर ने अपना अहम योगदान दिया था । 2014 में जब बीजेपी ने सत्ता में लंबे अंतराल बाद वापसी की थी तो राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अच्छे दिन आएंगे जैसे नारों को गडकर बीजेपी को सत्ता में लाने का काम किया था।

वह साल तक 2011 का और प्रशांत किशोर की उम्र उस समय 33 वर्ष थी 2011 में प्रशांत किशोर की मुलाकात नरेंद्र मोदी से हुई थी। और 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करने लगे। बिहार में जन्मे और पले-बढ़े प्रशांत किशोर ने बाद में यूपी में भी रहकर पढ़ाई की। यूएन में काम करते हुए पीके ने गुजरात में कुपोषण पर एक पेपर प्रकाशित कराया था। तभी उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर पड़ी और धीरे-धीरे प्रशांत किशोर नरेंद्र मोदी के करीब आने लगे।

पीके की कंपनी I-PAC के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर सरकार में लैटरल एंट्री के बड़े पक्षधर थे। उन्होंने ही पीएम मोदी को इसका आइडिया दिया था। सूत्रों ने बताया कि पीके अपनी टीम के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में एक प्रोफेशनल टीम को लीड करना चाहते थे लेकिन उनकी योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी। हालांकि, पीएम मोदी ने शुरुआत में इस योजना को लेकर काफी रूचि दिखाई थी। हालांकि बाद में नरेंद्र मोदी कि इसमें रूचि कम हो गई और पीके अपनी टीम के आदमी को प्रधानमंत्री कार्यालय में नहीं रख सके।

प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनावी जीत के लिए कई रणनीतियां बनाई है जिसमें भारतीय जनता पार्टी को सफलता भी मिली है। वहीं बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता दल यूनाइटेड ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। कारण बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ थे, और वह नहीं चाहते थे कि यह कानून लागू हो जिसको लेकर उन्होंने सरकार पर कई तंज कसे थे । जिससे नाराज नीतीश ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।

अभी तक प्रशांत किशोर किसी भी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए वह राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो सकते हैं। क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल उनको अपने पाले में लाने की पुरजोर कोशिशें कर रही है ।अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम ते हैं या नहीं।

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