डायबिटीज क्या है? कैसे होता है डायबिटीज? जानो लक्षण और उपाय

डायबिटीज क्या है? कैसे होता है डायबिटीज? जानो लक्षण और उपाय

आज के इस भागदौड़ भरे युग में अनियमित जीवनशैली के चलते कई सारी बीमारीया लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। जिसमें से एक अहम बीमारी डायबिटीज(मधुमेह) है। डायबिटीज को धीमी मौत भी कहा जाता है। यह ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी के शरीर को पकड़ ले तो उसे फिर जीवन भर नहीं छोड़ती । डायबिटीज शरीर की कई बीमारियों को भी निमंत्रण देती है। डायबिटीज रोगियों को आंखों में दिक्कत, किडनी और लीवर की बीमारी और पैरों में दिक्कत होना आम है। पहले यह बीमारी चालीस की उम्र के बाद ही होती थी लेकिन आजकल बच्चों में भी इसका होना चिंता का एक बड़ा कारण हो गया है।

क्या है डायबिटीज?

जब आपके शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इसका काम शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। इंसुलिन हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है।  डायबिटीज हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। डायबिटीज के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय मधुमेह दिवस की शुरुआत की गई. साल 1991 वह साल था जब दुनिया भर में सभी का ध्यान इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप पर गया, और उन्होने लोगों को इसके संबंध में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 14 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय मधुमेह दिवस मनाने की घोषणा हुई।

डायबिटीज कितने प्रकार की होती हैं ?

डायबिटीज कई प्रकार के होते है लेकिन टाइप 1, टाइप 2 , और गेस्टेशनल डायबिटीज अधिक पाई जाती है।

  • टाइप 1 डायबिटीज  : टाइप 1 डायबिटीज में पेंक्रियाज में हारमोन इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। इससे हमारे खून में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ने लगती है। अभी तक वैज्ञानिक ये पता लगाने में सफल नहीं हुए हैं कि ऐसा क्यों होता है। लेकिन इसे आनुवंशिकता और वायरल इन्फेक्शन से जोड़कर देखा जाता है। यह डायाबिटिज बच्चों और 19 साल तक के युवाओं को बहुत जल्दी एफेक्ट करती है।
  • टाइप 2 डायबिटीज : टाइप 2 डायबिटीज के रोगी के शरीर में इन्सुलिन की मात्रा कम होती हैं या शरीर इन्सुलिन का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाता। इसमें शरीर इन्सुलिन बनाता है, लेकिन कम मात्रा में और कई बार वो इन्सुलिन अच्छे से काम नहीं करते है। टाइप 2 डाइबिटीज़ को योग, परहेज तथा उचित खान-पान के ज़रिये नियंत्रित किया जा सकता हैं। यह  डायबिटीज अधेड़ और वृद्ध लोग, मोटे और शारीरिक श्रम न करने वाले युवा, दक्षिण एशियाई देशों में रहने वाले लोगों में होता है।
  • जेस्टेशनल डायबिटीज : कुछ गर्भवती महिलाएं जेस्टेशनल डायबिटीज़ से पीड़ित हो जाती है। महिलाओं का शरीर उनके और बच्चे के लिए पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। अलग-अलग मानदंडों के आधार पर किए गए अध्ययनों में सामने आया है कि छह से 16 फीसदी महिलाओं के जेस्टेशनल डायबिटीज़ से पीड़ित होने की संभावना है। गर्भवती महिलाओं को इससे बचने के लिए अपनी डाइट को नियंत्रण में रखकर शुगर लेवल को सही रखना चाहिए।

डायबिटीज़ के लक्षण क्या हैं?

  • प्यास ज़्यादा लगना
  • सामान्य से ज़्यादा पेशाब होना, विशेषकर रात में
  • थकान महसूस होना
  • बिना प्रयास किए वज़न गिरना
  • मुंह में अक्सर छाले होना
  • आंखों की रोशनी कम होना
  • घाव भरने में समय लगना

डायाबिटिज होने के क्या कारण ?

  • उच्च रक्त चाप
  • अनुवांशिक
  • इन्सुलिन की कमी
  •  खानपान ना होना 
  • तनाव
  • शारीरिक काम की कमी
  • ड्रग्स, स्मोक करना

डायबिटीज़ से कैसे बच सकते हैं?

  • संतुलित डाइट और व्यायाम करने से ऐसा किया जा सकता है।
  • रोजाना की डाइट में सब्जियां, फल, फलियां, और साबुत अनाज शामिल कर सकते हैं।
  • इसके साथ-साथ सेहतमंद तेल, बादाम के साथ-साथ सार्डाइंस, सालमन और मेकेरल जैसी मछलियों को भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं क्योंकि इनमें ओमेगा 3 तेल की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है।
  • शारीरिक व्यायाम से भी ब्लड सुगर लेवल को कम किया जा सकता है।

आख़िर कितने लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं ?

साल 1980 में 18 साल से ज़्यादा उम्र वाले डायबिटीज़ से पीड़ित युवाओं का प्रतिशत 5 से कम था। लेकिन 2014 में ये आंकड़ा 8.5% तक पहुंच चुका है। अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज़ फेडरेशन ने एक अनुमान लगाया है कि निम्न और मध्यम आयवर्ग वाले देशों के लगभग 80 फीसदी युवाओं के खाने-पीने की आदतों में बदलाव हो रहा है। वहीं, विकसित देशों में डायबिटीज़ गरीब और सस्ता खाना खाने के लिए विवश वर्ग को अपना निशाना बनाता है।

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