कैंसर को लेकर सामने आई यह तीन नई जानकारियां

रेखा सिंह

कैंसर की बीमारी को लेकर समय – समय पर शोध होते रहते है. हाल ही में कैंसर को लेकर तीन अलग अलग तरह की रिसर्च सामने आई है. पहली रिसर्च का कहना है की अब ब्लड टेस्ट से हर प्रकार के कैंसर का पता चल सकता है. दूसरी रिसर्च में मसूड़ों की बीमारियां से कैंसर बढ़ने का खतरा 14 प्रतिशत अधिक होता है. तीसरे शोध का कहना है की मोबाइल टॉवर से निकलने वाली रेडिएशन से कैंसर का खतरा ना के बराबर होता है.

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने सस्ता मॉलिक्यूलर ब्लड टेस्ट सिस्टम बनाया है. इस टेस्ट से कैंसर की बढ़ने और फैलने का जल्द पता लगाया जा सकेगा. इस टेस्ट में सिर्फ एक ट्यूब में थोड़े से खून की जरूरत होती है. इससे खून में कैंसर सेल्स द्वारा जारी किए जाने वाले डीएनए की मात्रा में हुए अनुवांशिक बदलाव की पहचान हो सकेगी. इस शोध का प्रकाशन द जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर डॉयग्नोस्टिक में किया गया है.

अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च के एक जर्नल में छपे इस शोध के मुताबिक मसूड़ों की बीमारियां से कैंसर बढ़ने का खतरा 14 प्रतिशत अधिक होता है. एक अमेरिकी शोध में पाया गया है कि जो महिलाएं मसूड़ों से जुड़ी बीमारियों का सामना करती हैं उनमें कई प्रकार के कैंसर होने के खतरे ज्यादा होते हैं. इनमें फ़ूड पाइप लाइन और ट्यूमर होने की आशंका अधिक होती है. आपको भी मसूड़ों से जुडी परेशानी है जो की लम्बे समय से चली आ रही है तो आप भी कैंसर का टेस्ट करवाए.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिसर्च में दावा किया गया है मोबाइल टॉवर से निकलने वाली रेडिएशन से कैंसर का खतरा ना के बराबर होता है. प्रोफेसर फरहत बसीर खान का कहना है कि देश में अभी तक मोबाइल टॉवर से निकलने वाले रेडिएशन से कैंसर का एक भी प्रमाणिक मामला सामने नहीं आया है.

मोबाइल टॉवर से निकलने वाले रेडिएशन घरेलू टोस्टर के बराबर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड पैदा करते हैं, जो कि सेहत के लिए नुकसादयक नहीं है. गौरतलब है कि इससे पहले के शोधों में मोबाइल टावर को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था.
कैंसर जानलेवा बीमारी के रूप में उभर कर सामने आ रहा है. इसलिए इस बीमारी पर डॉक्टर रिसर्च करते रहते है की कैसे इस बीमारी को हराया जाए.

Share this story