Research : बच्चों के दिमाग का विकास नहीं हो पाता इस वजह से, ध्यान रखें यह बात

जिस प्रकार शरीर के विकास के लिए पोषक तत्त्वों की आवश्यकता होती है उसी प्रकार बच्चों के दिमागी विकास के लिए नींद की आवश्यकता होती है । अगर आपका बच्चा ७ घंटे से कम की नींद ले रहा है तो जल्दी ही अवसाद से ग्रसित हो सकता है ।
रिसर्च में हुआ खुलासा –
लंदन में रिसर्च के मुताबिक जो बच्चे कम सोते हैं उनका दिमागी विकास अच्छे से नहीं हो पाता है । ऐसे बच्चों में अवसाद, चिंता, और मानसिक समस्या जल्दी जन्म लेती है। रिसर्च में समाने आया की जो बच्चे कम नींद लेते हैं उनकी दिमागी संरचना में बदलाव सही तरीके से नहीं हो पाता । वॉरविक यूनिवर्सिटी के मुताबिक अच्छी नींद बच्चों के दिमाग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । क्योकिं जब बच्चे छोटे होते हैं तो उनका दिमाग लगातार विकास कर रहा होता है । उस स्थिति में उनको नीदं की सबसे ज्यादा जरूरत होती है ।
9 से 12 घंटे की नींद है जरूरी –
इस रिसर्च में यह निकल कर सामने आया है जो बच्चे कम सोते है उनके दिमाग का विकास सही तरीके से नहीं हो पाता है । कम नींद लेने की वजह से दिमाग का साइज छोटा रह जाता है। इस रिसर्च में यह बताया गया है की जिन बच्चों की उम्र 6-12 साल हैं, उनको कम से कम 9 से 12 घंटे की नींद लेनी चाहिए। रिसर्च में यह निकल सामने आया है की जब बच्चे सिर्फ 7 घंटे की नींद लेते हैं तो उनका व्यवहार बदलने लगता है।
11 हजार बच्चों पर किया शोध –
मॉलिक्यूलर साइकियाट्री पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन बताया गया है कि इन वैज्ञानिकों ने 9-11 साल के 11 हजार बच्चों की दिमागी संरचनाओं की जांच की। उसके बाद इन लोगों ने बच्चों के सोने के समय उनके दिमाग के साथ तुलना की। तब उनको समझ आया की जो बच्चे अवसाद से ग्रसित, चिडचिडापन, गुस्सेल होते है उसकी सबसे बड़ी वजह ७ घंटें की नींद लेना है। वैज्ञानिकों ने बताया कि कम नींद लेने से दिमाग की गति धीमी होती है साथ ही हमारा दिमाग किसी भी प्रकार का फैसला लेने में असमर्थ होता है।