Diwali 2020: क्या होते हैं ग्रीन पटाखे, जानें दूसरे पटाखों से ये कैसे अलग हैं

सुप्रीम कोर्ट आतिशबाजी को लेकर गंभीरता से सोच रही है।
इस दीवाली कई राज्य सरकारों ने आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया है।
ग्रीन पटाखे 40 से 50 फ़ीसदी तक कम हानिकारक गैस पैदा करते हैं।
इस दीवाली कई राज्य सरकारों ने आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसमें ग्रीन पटाख़े भी शामिल है। वही सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों पर छूट दी है। जैसे कि पटाख़े जलाने की अनुमति सिर्फ दो घंटे के लिए रात 8 से 10 बजे तक है। इसके साथ कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि त्योहारों में कम प्रदूषण करें।
बता दे सामान्य पटाखों की तुलना में ग्रीन पटाखे 40 से 50 फ़ीसदी तक कम हानिकारक गैस पैदा करते हैं। नीरी के चीफ़ साइंटिस्ट डॉक्टर साधना रायलू के अनुसार ग्रीन पटाखों से हानिकारक गैस बेहद काम मात्रा में निकलती है। जिससे वायु प्रदूषण का खतरा बेहद कम रहता है और सामान्य पटाखों के मुताबिक कम हानिकारक होता है। ये आवाज से लेकर दिखने तक पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं पर इनके जलने से कम प्रदूषण होता है।